
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में जेलों की व्यवस्था में सुधार को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष सुना. खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के 17 जनवरी 2025 के एक आदेश के आलोक में अब तक झारखंड में जेल मैनुअल बनाने के संबंध में जानना चाहा. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने मॉडल जेल मैनुअल लागू करने के लिए राज्य सरकार को समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तिथि निर्धारित की. कोर्ट के पूर्व के आदेश के आलोक में मामले की सुनवाई के दाैरान गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल सशरीर उपस्थित थीं. राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने खंडपीठ को अंडरटेकिंग देते हुए बताया कि 30 दिनों के अंदर मॉडल जेल मैनुअल को अधिसूचित कर दिया जायेगा. जेल मैनुअल का ड्राफ्ट तैयार है. उस पर कैबिनेट की स्वीकृति लेनी है. उल्लेखनीय है कि जेल सुधार व मॉडल जेल मैनुअल के मामले में हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि मॉडल जेल मैनुअल के मामले में क्या कार्रवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत एक मॉडल जेल मैनुअल बनाया जाना है.
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