
रांची. राज्य के विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह (पीवीटीजी) से जुड़े लोगों को अब उनके घर के पास ही उपचार की सुविधाएं मिलेंगी. इसको लेकर राज्य सरकार ने ऐसे इलाकों में चलंत गाड़ी यानी मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) को तैनात करने का फैसला किया है. लोगों को उपचार समय पर मिले, इसके लिए हर माह की पहली तारीख को चलंत गाड़ियों का रूट चार्ट तैयार होगा कि कौन गाड़ी किस इलाके में जायेगी. उपचार की गतिविधियों को हर दिन पोर्टल पर अपडेट किया जायेगा. इसके साथ ही पीएम जन-मन योजना के तहत आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में कुशल स्वास्थ्य टीम को तैनात करने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि पीवीटीजी परिवारों की स्वास्थ्य संबंधी समस्या को बेहतर तरीके से दूर किया जा सके. एमएमयू के नोडल पदाधिकारी डॉ जेएफ केनेडी ने इस संबंध में सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र लिखकर इस पर अमल करने का निर्देश दिया है. इस काम में पहले से जुटे दो एनजीओ द हंस और स्माइल फाउंडेशन भी सक्रिय रूप से जुड़ेंगे.
अभी इन जगहों पर दी जा री हैं सुविधाएं
वर्तमान में मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिये हाट बाजार, सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वन धन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र आदि जगहों पर सुविधा दी जाती है. राज्य में इस अभियान के तहत 50 से ज्यादा मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से जनजातीय समूहों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. पीएम जनमन योजना के तहत दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं में मुख्य रूप से सिकल सेल जांच, टीबी जांच, रक्तचाप जांच, डायबिटीज जांच, आंखों की जांच और महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जा रही है.योजनाओं के बारे में किया जाता है जागरूक
प्रधानमंत्री जन-मन योजना के तहत पीवीटीजी बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर जनजातीय समुदायों को केंद्र और राज्य की योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया जाता है. इस पहल में हर उस परिवारों को शामिल किया जा रहा है, जिनसे दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण संपर्क नहीं हो सका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है