
वरीय संवाददाता, रांची. कांके रोड स्थित फ्रेश पेटल नामक फ्लावर डेकोरेशन दुकान के संचालक और कर्मी से हथियार के बल पर 1.67 लाख रुपये लूटपाट के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में एक का नाम जय प्रकाश नगर चूना भट्ठा निवासी मेहुल कुमार और दूसरे का नाम अमनजय सिंह है. अमनजय सिंह वर्तमान में इंद्रपुरी बिरला मैदान मेट्रो गली में रहता है. लेकिन वह मूल रूप से औरंगाबाद जिला के अंबा थाना क्षेत्र का रहने वाला है. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त देसी पिस्टल मेहुल के पास से बरामद किया है. दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी उनके घर से हुई है. दोनों की गिरफ्तारी को लेकर आर्म्स एक्ट के तहत सुखदेवनगर थाना में अलग से केस दर्ज किया गया है. यह जानकारी शनिवार की शाम अपने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में डीआइजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने दी. घटना में एक आइ-10 कार का हुआ था इस्तेमाल : एसएसपी ने आगे बताया कि 1.67 लाख रुपये लूट की घटना को लेकर दुकान के कर्मचारी राकेश ने केस दर्ज दर्ज कराया था. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों के पैदल ही भागने की बात सामने आयी थी. केस के अनुसंधान के दौरान पुलिस को पता चला कि घटना में एक आइ-10 कार का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन पुलिस को दिग्भ्रमित करने के लिए कार को घटनास्थल से करीब 350 मीटर दूर खड़ा कर रखा गया था. इसी कार नंबर को ट्रैक करने पर मेहुल के पिता का नाम पता चला. इसके बाद उसके घर में छापेमारी की गयी. उसने लूट की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए अमनजय सिंह का नाम बताया. अमनजय सिंह ने लूटपाट के दौरान दुकान संचालक पर पिस्टल ताना था. पिस्टल को घटना के दिन मेहुल ने रखने के लिए अमनजय सिंह को दिया था. लेकिन घटना के बाद मेहुल ने पिस्टल अपने घर में रखा था. आरोपियों ने कहा : दुकान से सिर्फ 11,500 रुपये लूटे थे : दोनों आरोपियों ने बताया कि उनके द्वारा दुकान से सिर्फ 11,500 रुपये की लूटपाट की गयी थी. जिसे दोनों ने आधा-आधा बांटकर खाने- पीने में खत्म कर दिया. जबकि केस दर्ज कराने के दौरान बताया गया था दुकान के मालिक से 1.50 लाख और कर्मियों से 17 हजार रुपये समेत कुल 1.67 लाख रुपये की लूट हुई है. लेकिन दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच में दुकान के मालिक से 1.50 लाख रुपये लूट की घटना स्पष्ट नहीं हुई है. अमनजय सिंह का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है. उस पर छेड़खानी सहित अन्य आरोप में वर्ष 2015 में एक केस कोतवाली थाना में दर्ज हुआ था. इधर, छापेमारी में शामिल टीम को मेहुल ने बताया कि उस पर छह लाख रुपये का कर्ज हो गया था. इसी पैसे को लौटाने के लिए वह लूटपाट में शामिल हुआ था.
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