
वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड के जेलों में बंद आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों को केंद्रीय कोष से मदद मिलेगी. इसके तहत उन कैदियों की जमानत और रिहाई के लिए अब केंद्रीय कोष का उपयोग होगा. इस कोष का मुख्य उद्देश्य उन कैदियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे वे जमानत या जेल से रिहा हो सकेंगे. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड सहित अन्य राज्यों के गृह सचिव और जेल आइजी को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि बार-बार याद दिलाने के बाद भी कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश केंद्रीय कोष का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. इस योजना का लाभ देने के लिए जेल में बंद कैदियों की पहचान की जानी जरूरी है. इसके बाद ही उन्हें इस योजना का लाभ दिया जा सकता है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रत्येक जिले में एक अधिकार प्राप्त समिति और राज्य मुख्यालय स्तर पर एक निगरानी समिति गठित करनी होगी. ये समितियां गरीब कैदियों को वित्तीय सहायता स्वीकृत करने के लिए जिम्मेदार होंगी. उल्लेखनीय है कि आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों या बंदियों की सहायता के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मई 2023 में योजना शुरू की थी. योजना के लिए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को केंद्रीय नोडल एजेंसी बनाया गया है. इसी के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय कोष से राशि मुहैया करायी जाती है.
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