
खरसावां.
फ्रांस से आये विदेशी पर्यटक एग्नेस व मोनिका सरायकेला की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर को देखकर कायल हो गये. एग्नेस व मोनिका ने दो दिनों तक सरायकेला-खरसावां के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर यहां के छऊ नृत्य की सराहना की. ईचागढ़ के चोंगा गांव के नटराज छऊ नृत्य कला केंद्र में मानभूम (पुरुलिया) शैली का छऊ नृत्य देखा. वीर रस पर आधारित महिषामर्दिनी नृत्य को देखकर नृत्य कला की सराहना की. नटराज छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक प्रभात महतो से नृत्य की बारीकियों की जानकारी ली. चोंगा में छऊ कलाकारों के साथ विदेशी मेहमान भी झूमते नजर आये.पर्यटकों ने किया सरायकेला राजमहल का दीदार:
इससे पूर्व एग्नेस व मोनिका ने सरायकेला राजबाड़ी का भ्रमण कर यहां की ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी ली. एग्नेस व मोनिका ने बताया कि वे दोनों महाकुंभ स्नान के लिए फ्रांस से प्रयागराज आये थे. महाकुंभ में स्नान के बाद भारत के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर रहे हैं. छऊ नृत्य के संबंध में एक मैगजीन में पढ़ा था. उसके बाद इस नृत्य के बारे में जानने व देखने की ललक पैदा हुई. छऊ नृत्य देखकर अब ऐसा लग रहा है कि जितना पढ़ा था, उससे कहीं अधिक यह नृत्य आकर्षक है. एग्नेस व मोनिका ने बताया कि उन्हें भारत, भारत के लोग और यहां की कला, संस्कृति, परंपरा, रहन-सहन बहुत ही अच्छा है. यहां के लोग मिलनसार हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है