खुशी से खिल उठे किसान, सरायकेला-खरसावां में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश, देखिए पिछले 15 सालों का आंकड़ा
Jharkhand Weather: सरायकेला-खरसावां जिले में मानसून की शुरुआत में ही बारिश ने इस बार सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिये. वर्ष 2008 के बाद पहली बार जून माह में इतनी भारी बारिश हुई है. किसानों के चेहरे भी खुशी से खिल उठे हैं. इस वर्ष जून माह में औसत वर्षापात 468 मिमी बारिश का रिकार्ड दर्ज किया गया है.
By Dipali Kumari | July 3, 2025 4:56 PM
Jharkhand Weather | सरायकेला-खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश: सरायकेला-खरसावां जिले में इस साल मानसून की अच्छी बारिश हुई है. किसानों के चेहरे भी खुशी से खिल उठे हैं. मानसून की शुरुआत में ही बारिश ने इस बार सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिये. वर्ष 2008 के बाद पहली बार जून माह में इतनी भारी बारिश हुई है. सामान्य तौर पर सरायकेला-खरसावां जिला में जून माह का औसत वर्षापात 122.8 मिमी होता है. लेकिन, इस वर्ष जून माह में औसत वर्षापात 468 मिमी बारिश का रिकार्ड दर्ज किया गया है.
19 जून को हुई सबसे अधिक बारिश
जून माह में जिले में कुल वर्षापात 4219 मिमी दर्ज किया गया है. इसमें सर्वाधिक 609.5 मिमी बारिश केवल सरायकेला में दर्ज की गयी है. आंकड़ों पर नजर डालें तो 19 जून को जिला में सर्वाधिक बारिश हुई. इस दिन 1562 मिमी बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है. 17 से 20 जून और 28 जून को काफी बारिश हुई.
कृषि कार्यों में जुटे किसान
मानसून की बारिश थमने के साथ ही सरायकेला-खरसावां जिले के किसान कृषि कार्यों में जुट गये हैं. मानसून की पहली फुहार से किसानों में उत्साह देखी जा रही है. ट्रैक्टर और हल के जरिये खेतों की जुताई की जा रही है. साथ ही धान के बीज डालने का कार्य भी शुरु हो गया है. इसके अलावा जहां धान के बिछड़े तैयार हो गये हैं, वहां रोपाई भी शुरु हो गयी है.
कई जगह धान के बिछड़े हुए खराब
पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण कई खेतों में तैयार किये गये धान के बिछड़े भी खराब हो गये है. अब किसान फिर से खेतों में धान के बीज डाल कर बिछड़े तैयार करने में जुट गये है. किसान बाजार से ऊंचे दाम पर बीज खरीदने को मजबूर हैं.
राजनगर प्रखंड में वर्षा मापी यंत्र खराब
राजनगर प्रखंड में बीते एक साल से अधिक समय से वर्षा मापी यंत्र खराब पड़ा हुआ है. इस कारण राजनगर प्रखंड में हो रही वर्षापात के सही आंकड़ों का पता नहीं चल पा रहा है. पिछले वर्ष फरवरी माह में ही राजनगर के तत्कालिन बीडीओ ने वर्षामापी यंत्र के क्षतिग्रस्त होने की सूचना विभाग को दे दी थी. परंतु अब तक न तो इसकी मरम्मत करायी गयी और न ही नया वर्षामापी यंत्र लगाया गया.