JPSC Result: गांव में स्कूल तक नहीं, टाटा स्टील में की नौकरी, पहले प्रयास में ही नीरज कांडिर को 270वीं रैंक

JPSC Result: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड के कसराउली गांव के नीरज कांडिर (28 वर्ष) ने जेपीएससी की परीक्षा में 270वीं रैंक हासिल की है. उनके गांव में स्कूल तक नहीं था. चक्रधरपुर में रहकर उन्होंने पढ़ाई की. इसके बाद जमशेदपुर से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर टाटा स्टील में नौकरी की. नौकरी करते हुए उन्होंने सेल्फ स्टडी कर पहले प्रयास में ही यह कामयाबी हासिल की है.

By Guru Swarup Mishra | July 25, 2025 5:51 PM
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JPSC Result: सरायकेला खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश-सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड के कसराउली गांव के साहू कांडिर के पुत्र नीरज कांडिर (28 वर्ष) ने जेपीएससी की झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा-2023 में सफलता हासिल की है. नीरज कांडिर ने पहले ही प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली. उन्हें इस परीक्षा में 270वीं रैंक मिली है. साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले नीरज डिप्टी कलेक्टर बने हैं. नीरज की इस सफलता से परिवार में खुशी है.

गांव में स्कूल नहीं था, सीकेपी और जमशेदपुर में रहकर की पढ़ाई

नीरज कांडिर के गांव कसराउली प्रखंड के अंतिम सीमा पर घने जंगल और पहाड़ की तलहटी में बसा है. यहां पहुंचना भी काफी कष्टकर है. गांव में स्कूल तक की सुविधा नहीं है. इस कारण दूर-दूर तक शैक्षणिक माहौल नहीं है. बिजली भी अक्सर गुल रहती है. मोबाइल नेटवर्क काफी कमजोर रहता है. इस बीच अफसर बनने की चाहत को पूरा करने के लिए नीरज को गांव से दूर रहकर पढ़ाई करनी पड़ी. गांव में स्कूल नहीं होने के कारण नीरज कांडिर को चक्रधरपुर में अपने रिश्तेदार के घर पर रहकर पढ़ाई करनी पड़ी. इसके बाद जमशेदपुर से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की. स्नातक की डिग्री लेने के बाद नीरज कांडिर को टाटा स्टील, जमशेदपुर के एचएसएल डिपार्टमेंट में असिस्टेंट फोरमैन की नौकरी मिल गयी.

नौकरी करते हुए समय निकाल कर की पढ़ाई

जमशेदपुर में टाटा स्टील की नौकरी करने के दौरान नीरज कांडिर ने जेपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. ड्यूटी के बाद घर पर रोजाना कम से कम पांच घंटे की सेल्फ स्टडी करते थे. जेपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए यूट्यूब के साथ-साथ कई किताबों की भी मदद ली. समय निकाल कर अखबारों से भी मदद लेते थे. छुट्टी के दिन कुचाई बीडीओ साधु चरण देवगम समेत जानकार लोगों से भी मार्गदर्शन लेते थे.

लक्ष्य पर रहता था पूरा ध्यान-नीरज

नीरज ने बताया कि तैयारी के दौरान वह सोशल मीडिया से दूर रहते थे. पूरा ध्यान अपने लक्ष्य पर केंद्रित रखते थे. इसी तरह मेहनत करते हुए उन्होंने यह परीक्षा पास कर ली और अफसर बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया.

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