कोल्हान नितिर तुरतुंग (केएनटी) लाइब्रेरी छात्रों और युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है. चाईबासा, चक्रधरपुर व कुचाई में स्थापित पुस्तकालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बड़ी संख्या में विद्यार्थी आ रहे हैं. यहां निशुल्क कोचिंग, करियर गाइडेंस और सुरक्षा बलों की भर्ती के लिए शारीरिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अबतक 89 युवा इन लाइब्रेरियों की मदद से सरकारी नौकरी प्राप्त कर चुके हैं.
युवाओं को शिक्षा से जोड़ने व पलायन रोकने को तीन दोस्तों ने बनायी संस्था
कोरोना महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए चक्रधरपुर के माझीराम जामुदा तथा चाईबासा के सिंहराय बोदरा और दुंबी दीपक बारी ने मिलकर संस्था बनायी. उस समय तीनों छत्तीसगढ़ में सरकारी सेवा में कार्यरत थे. महामारी खत्म होने के बाद, उन्होंने क्षेत्र के आदिवासी युवाओं को शिक्षा से जोड़ने और रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन रोकने के उद्देश्य से एक नयी पहल शुरू की.
पे बैक टू सोसाइटी अभियान शुरू किया
निशुल्क शिक्षा और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
इन लाइब्रेरियों में गरीब और बेरोजगार युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है. इसमें सिविल सेवा, शिक्षक भर्ती, रेलवे और अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पुस्तकें उपलब्ध हैं. सेना और पुलिस से रिटायर अधिकारी सुरक्षा बलों की भर्ती के लिए शारीरिक प्रशिक्षण देते हैं.
89 युवाओं को मिली सरकारी नौकरी
ऐसे मिल रही है सफलता
नितिन तुरतुंग के अध्ययन केंद्रों में बच्चों को फ्री कोचिंग दी जा रही है. चाईबासा में 210, चक्रधरपुर में 180 व कुचाई में 79 बच्चे निशुल्क कोचिंग ले रहे हैं. इसके लिए चाईबासा व चक्रधरपुर में चार-चार व कुचाई में दो शिक्षकों को रखा गया है. संस्थान की ओर से शिक्षकों को मानदेय दिया जाता है. इसके अलावे सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत वरीय अधिकारी भी बच्चों को करियर काउंसेलिंग कराने के साथ टिप्स देने के लिए आते हैं. पुलिस व सेना के सेवानिवृत्त जवान डिफेंस में बहाली के लिए तैयारी कर रहे युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण देते हैं.
क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं : माझीराम
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