Seraikela Kharsawan News : ड्रैगन फ्रूट की खेती से बदली सतीश की किस्मत
सरायकेला प्रखंड के बाराबाना गांव के किसान सतीश देवगम पारंपरिक खेती से हटकर अब ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं.
By AKASH | July 24, 2025 12:14 AM
खरसावां.
सरायकेला प्रखंड के बाराबाना गांव के किसान सतीश देवगम पारंपरिक खेती से हटकर अब ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. सतीश देवगम पूर्व में पारंपरिक खेती करते थे. कृषि पद्धतियों से प्राप्त उपज एवं आय अपर्याप्त होने के कारण उनकी आजीविका प्रभावित हो रही थी. आधुनिक कृषि तकनीकों के ज्ञान के अभाव में उनके उत्पादन की गुणवत्ता तथा मात्रा प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रही थी. ऊपर से मौसम की मार ने उन्हें भीतर तक तोड़ दिया था, लेकिन सतीश ने हार नहीं मानी. इसके बाद उन्होंने वैकल्पिक खेती के रूप में ड्रैगन फ्रूट को चुना और उनकी जिंदगी बदल गयी.
शुरुआत कठिन थी, लेकिन जज्बा बुलंद था
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (एटीएमए) के सहयोग से उन्होंने मृदा परीक्षण, स्वॉयत हेल्थ कार्ड का उपयोग, कुशल सिंचाई विधियों का क्रियान्वयन तथा अद्यतन फसल प्रबंधन तकनीकों को अपनाया. सतीश ने खुद ही खेत में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगायी, बांस से सहारे बनाए, और हर पौधे को रोज समय दिया. पहली ही फसल से उन्हें करीब 1.5 लाख रुपये की आमदनी हुई. जहां पारंपरिक फसलों से उन्हें साल में मुश्किल से 40-50 हजार मिलते थे. आज उनके खेत में 600 से अधिक पौधे हैं, और वे हर साल लाखों की कमायी कर रहे हैं. इस नवाचारी दृष्टिकोण और अथक परिश्रम के परिणामस्वरूप उनकी फसल की उपज एवं गुणवत्ता वृद्धि के साथ आय में कई गुना बढ़ोतरी हुई. बढ़ी हुई आय के कारण सतीश देवगम न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सफल हुए, बल्कि उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा और परिवार के स्वास्थ्य पर भी समुचित ध्यान केंद्रित किया.
गांव बना ड्रैगन फ्रूट हब, सतीश बने रोल मॉडल
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