इस दौरान कई कलाकार उपस्थित थे. विश्वनाथ साहू के निधन से सरायकेला के छऊ कलाकारों ने शोक व्यक्त किया है. विश्वनाथ साहू के निधन की सूचना पा कर राजकिय छऊ कला केंद्र के निर्देशक तपन पट्टनायक उनके घर पहुंचे और शोक प्रकट करते हुए श्रद्धांजली अर्पित किया.
उत्कृष्ठ श्रेणी के मुखौटा कलाकार थे विश्वनाथ साहू
विश्वनाथ साहू की गिरनी सरायकेला शैली के उत्कृष्ठ श्रेणी के मुखौटा बनाने वाले कलाकार के रुप में होती थी. मुखौटा निमार्ण करने के कारण भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा विश्वनाथ साहू को प्रोत्साहन राशि भी दिया जाता था. स्व विश्वनाथ साहू राजकिय छऊ कला केंद्र, सरायकेला से भी जुड़े हुए थे.
वह राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के लिए भी मुखौटा का निमार्ण करते थे. पर्यावरण संरक्षण को लेकर कुछ वर्ष पहले उनके द्वारा निर्मीत मुखौटा ने काफी वाह-वाही बटोरी थी. छऊ मुखौटा कलाकार विश्वनाथ साहू जीवन के अंतिम समय तक मुखौटा बनाने के कार्य से जुड़े हुए थे. जानकार बताते हैं कि विश्वनाथ साहू बचपन से ही मुखौटा बनाने की कला सीखे थे.
कुछ सालों में ही वे इस कार्य में दक्ष हो गये और सरायकेला शैली छऊ नृत्य के लिये मुखौटा बनाने का कार्य किया. विश्वनाथ साहू द्वारा निर्मित मुखौटा देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शित किया जा चुका है. मालूम हो कि मुखौटा के बगैर सरायकेला छऊ की कल्पना नही किया जा सकता है. मुखौटे से ही सरायकेला शैले के छऊ नृत्य की लोकप्रियता बढ़ी है.
posted by : sameer oraon