seraikela kharsawan news: खरसावां-कुचाई में बंद सीएफसी खुले, तो महिलाओं के स्वरोजगार को मिलेगी संजीवनी
10 साल में 37 में से 35 सुलभ केंद्र पर लटका ताला, सूत कताई का कार्य प्रभावित
By DEVENDRA KUMAR | March 18, 2025 1:21 AM
खरसावां.
खरसावां और कुचाई के स्थानीय लोग बंद पड़े सामान्य सुलभ केंद्रों (सीएफसी) को फिर से चालू करने की मांग कर रहे हैं. इन केंद्रों को पुनः सक्रिय करने से महिलाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है. 10 वर्ष पहले तक खरसावां व कुचाई में लगभग 37 सीएफसी सक्रिय थे, जहां महिलाएं तसर कोसा से सूत कताई करती थीं. दो केंद्रों में तसर के कपड़े बुनने का काम होता था. लेकिन 2016 के बाद इन केंद्रों का संचालन बंद होता चला गया. वर्तमान में केवल कुचाई और सेरेंगदा में केंद्र चल रहे हैं, जिनमें सिर्फ 10-12 महिलाएं जुड़ी हैं. अन्य केंद्रों पर ताला लटका है. यदि इन केंद्रों को फिर से शुरू किया जाए, तो महिलाओं को घर-घर काम मिल सकता है.
सीएफसी के बंद होने से महिलाओं के स्वरोजगार पर पड़ा असर
रख-रखाव के अभाव में खराब हो रही ””समृद्धि”” और ””उन्नति”” मशीनें
सूत कताई के लिए सीएफसी में लगाए गए सोलर संचालित रीलिंग मशीनें ””समृद्धि”” और ””उन्नति”” रख-रखाव के अभाव में खराब हो रही हैं. ये मशीनें उद्योग विभाग द्वारा स्थापित की गयी थीं, जिनमें बैटरी और सोलर प्लेट शामिल थे. लेकिन नियमित उपयोग नहीं होने और रख-रखाव के अभाव में अधिकतर मशीनें खराब हो चुकी हैं और इनकी मरम्मत की जरूरत है.
बंद पड़े सीएफसी को चालू करने की मांग हुई तेज
महिलाएं बोलीं
“खरसावां में अधिकतर सामान्य सुलभ केंद्र बंद पड़े हैं, जिसके कारण सूत कताई का कार्य ठप है. इससे गांव की महिलाओं के रोजगार पर असर पड़ा है. सरकार से अनुरोध करते हैं कि जल्द से जल्द सीएफसी को फिर से खोला जाए “. कंचन बेहरा, बड़ासाई, खरसावां “सीएफसी में लंबे समय से सूत कताई का कार्य बंद है. हम पूरी तरह बेरोजगार हो गए हैं. सरकार से हमारी अपील है कि सभी बंद पड़े सीएफसी को चालू किया जाए, ताकि गांव की महिलाओं को रोजगार मिल सके “. निर्मला कैवर्त, पदमपुर, खरसावां
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