Jharkhand Village: झारखंड का एक गांव, जहां बरसात में बंधक बन जाती है जिंदगी, गुस्से में ग्रामीणों ने दी नो एंट्री की चेतावनी

Jharkhand Village: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड की सावनिया पंचायत के लगोरा गांव में समाज सेवी लक्षुराम मुंडरी की अध्यक्षता में ग्राम सभा की बैठक हुई. इसमें लगोरा नदी पर पुल और सड़क समेत गांव की विभिन्न समस्याओं को लेकर विमर्श हुआ. उपेक्षा से नाराज ग्रामीणों ने कहा कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान तमाम वादे किए जाते हैं, लेकिन एक दशक बाद भी नदी पर पुल नहीं बना. बरसात में उनकी जिंदगी बंधक बन जाती है. इस साल पुल नहीं बनने पर उन्होंने किसी को गांव में नहीं घुसने देने की चेतावनी दी है.

By Guru Swarup Mishra | July 9, 2025 7:36 PM
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Jharkhand Village: बंदगांव (पश्चिमी सिंहभूम), अनिल तिवारी-बंदगांव प्रखंड की सावनिया पंचायत के लगोरा गांव में समाज सेवी लक्षुराम मुंडरी की अध्यक्षता में ग्राम सभा की बैठक हुई. इसमें लगोरा नदी पर पुल और सड़क समेत गांव की विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की गयी. बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं से पुल की मांग की गयी थी. नेताओं ने आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द नदी पर पुल बनेगा, परंतु आज तक पुल नहीं बना. वादाखिलाफी से लगोरा के ग्रामीण जिला प्रशासन, विधायक और सांसद से काफी नाराज हैं. पिछले 10 वर्षों से पुल की मांग की जा रही है. नदी पर पुल नहीं होने के कारण तीन गांव चातमा, लगोरा और मदडीह के 900 लोग प्रभावित हैं.

गुस्से में लगोरा के ग्रामीण


बरसात के दिनों में पंचायत कार्यालय और प्रखंड कार्यालय तक आवागमन पूरी तरह ठप हो जाता है. गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना और स्कूली बच्चों को काफी अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि दिसंबर 2025 तक यदि पुल का निर्माण नहीं किया गया तो जिला प्रशासन का बहिष्कार करेंगे. किसी को गांव में घुसने नहीं देंगे.

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बरसात में जीवन हो जाता है नारकीय-लक्षुराम मुंडरी


लक्षुराम मुंडरी ने कहा कि बरसात के समय में लगोरावासियों को अस्पताल तक पहुंचने और बच्चों को हाईस्कूल तक जाने के लिए पुल और सड़क बिल्कुल नहीं है. सड़क पर तो इतनी कीचड़ है कि पैदल चलना भी काफी मुश्किल है. नदी पर पुल नहीं बनने के कारण बाढ़ आने पर बच्चों को विद्यालय जाना बंद हो जाता है. नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों को बार बार आवेदन दिया गया, लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया है. यदि लगोरावासियों से इसी तरह सौतेला व्यवहार होगा तो सरकार की सभी योजनाओं का बहिष्कार किया जाएगा. चुनाव के समय किसी नेता, कार्यकता एवं प्रशासन को लगोरा में घुसने नहीं दिया जाएगा. इस मौके पर सिकंदर मुंडरी, मोहन मुंडरी, गोनेस मुंडरी, गोपाल मुंडरी, नमन मुंडरी और काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.

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