जैंतगढ़ . जैंतगढ़ की जीवनरेखा वैतरणी नदी के सहयोगी नाले पर संकट है. साल भर बहने वाला नाला अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. नाला सूखने के कगार पर है. यह नाला आस-पास के लगभग 30 गांवों के लोगों की जीवनरेखा है. इससे पटवन कर रबी के साथ सब्जियों की खेती करते थे. नाला के किनारे तरबूज-खरबूजा की खेती होती थी. नाला में 5- 6 स्थानों में चेक डैम बनाकर सिंचाई का काम लिया जाता था. अब नाला सूखने के बाद सबसे बड़ी समस्या किसानों के साथ हो गयी है. कई स्थानों पर नाला में पानी ही नहीं है. 38 किमी लंबा नाला गुना पहाड़ी से निकला है. रास्ते में कई छोटे नाला इसमें मिलते हैं. ये नाला एक समय छोटी नदी का रूप ले चुका था. इसकी चौड़ाई कई स्थानों पर 50 से 70 मीटर था. बरसात में रौद्र रूप धारण रहता है. इसकी धारा काफी तेज होती है. अब इसकी चौड़ाई महज दो से तीन मीटर रह गयी है.
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