हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन पूरी तरह राजनीति में सक्रिय हो गईं हैं. उन्होंने एक तरह से पार्टी की कमान भी संभाल ली है. 21 अप्रैल को झारखंड की राजधानी रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित ‘उलगुलान न्याय महारैली’ की पूरी कमान कल्पना सोरेन ने संभाली थी. I.N.D.I.A. के सभी नेताओं को खुद फोन किया और उन्हें रांची आने का आमंत्रण दिया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई बड़े नेता रांची आए और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की उलगुलान न्याय महारैली को सफल बनाया. झारखंड में और भी बहुत सी महिला नेता हैं, जिन्होंने अपने पति या पिता की विरासत को आगे बढ़ाया है. प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) शो ‘चुनावी झरोखा’ में झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा से जानते हैं ऐसी पत्नियों और बेटियों के बारे में, जो पति या पिता के जेल जाने या उनके निधन के बाद राजनीति में आईं और अपनी अलग छाप छोड़ी.
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