विजयवर्गीय ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘जिस प्रकार वहां (निजामुद्दीन मरकज) से (कोरोना वायरस से) संक्रमित होकर लोग घूम रहे हैं, वे मानव बम की तरह घूम रहे हैं. इसलिए मैं मीडिया के माध्यम से अपील करना चाहता हूं कि ऐसे लोगों को खुद को प्रशासन को सौंप देना चाहिए, ताकि समाज में यह बीमारी न फैल सके.’
उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसे लोग खुद को प्रशासन के हवाले करते हैं, तो उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जायेगा. प्रशासन ऐसे लोगों की स्वास्थ्य की चिंता करते हुए उन्हें सावधानी के तौर पर पृथक केंद्रों में रखेगा और उनकी चिकित्सकीय मदद करेगा.’
विजयवर्गीय ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप के मद्देनजर तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लौटकर लोगों का जान-बूझकर गायब हो जाना न केवल बहुत बड़ी लापरवाही है, बल्कि एक अक्षम्य अपराध है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बयान में कहा है कि तबलीगी जमात के मसले को सनसनीखेज बनाये जाने की कोई जरूरत नहीं है.
इस पर पश्चिम बंगाल के प्रभारी भाजपा महासचिव ने पलटवार करते हुए कहा, ‘ममता बनर्जी को सिर्फ वोटों की चिंता है. उन्हें देश और समाज की चिंता नहीं है.’ श्री विजयवर्गीय ने अपने गृह नगर इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमण के एक स्थानीय मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढ़ने गये स्वास्थ्यकर्मियों के दल पर बुधवार को पथराव की घटना की भी आलोचना की.
उन्होंने कहा, ‘इंदौर का एक नागरिक होने के नाते मैं खुद भी इस घटना पर शर्मिंदा हूं. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्यकर्मी बेहद विपरीत हालात में काम कर रहे हैं.’