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मीनाक्षी के साथ मंच साझा कर बटोरी सुर्खियां
गीता महोत्सव (International Gita Mahotsav) में दर्शकों की निगाहें जहां मीनाक्षी शेषाद्रि पर टिकी थीं, वहीं गुनगुन मिश्रा ने भी अपनी प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. वह बहुआयामी प्रतिभा की धनी हैं. भरतनाट्यम, कथक और भारतीय सांस्कृतिक कला में उनकी गहरी रुचि है. उन्होंने नृत्य की शिक्षा बहुत कम उम्र से शुरू की और आज वह अपनी उम्र से कहीं अधिक परिपक्वता के साथ मंच पर प्रस्तुति देती हैं. वह जयपुर के एक स्कूल में कक्षा 7 की छात्रा हैं. कला और शिक्षा दोनों में संतुलन बनाए रखते हुए उन्होंने यह साबित कर दिया है कि लगन और परिश्रम से किसी भी क्षेत्र में श्रेष्ठता हासिल की जा सकती है.
मां का साथ और पिता की सोच बना आधार
गुनगुन की सफलता में उनके माता-पिता का अहम योगदान है. उनके पिता विवेक मिश्रा एक NEET कोचिंग शिक्षक हैं, जबकि मां निधि मिश्रा एक गृहिणी हैं. लेकिन, माता-पिता ने गुनगुन को हर मोड़ पर प्रोत्साहित किया. गुनगुन के अनुसार उनकी मां ही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं, जिन्होंने न सिर्फ उनका साथ दिया बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी दिया. उनके पिता मानते हैं कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में माता-पिता की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है.
डिजिटल मंच पर भी बिखेर रहीं रोशनी
कोविड महामारी के दौरान गुनगुन ने एक यूट्यूब चैनल शुरू किया था, जिस पर उनके डांस वीडियो को लाखों-करोड़ों व्यूज मिल चुके हैं. इंस्टाग्राम पर भी उनके हजारों फॉलोअर्स हैं, जो उनकी कला से जुड़ाव बनाए रखते हैं. साल 2019 में बैंकॉक में हुई अंतर्राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेकर उन्होंने वैश्विक मंच पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. डिजिटल माध्यम से अपनी कला को दुनिया तक पहुंचाना गुनगुन की दूरदर्शिता और रचनात्मक सोच को दर्शाता है.