हजारीबाग का मजदूर मुंबई में बन गया झारखंड के प्रवासियों का मसीहा, पढ़ें ठाकुर मनोज सिंह की सक्सेस स्टोरी

झारखंड के करीब 15 लाख लोग मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में रहते हैं. झारखंड के इन प्रवासियों के लिए हजारीबाग के ठाकुर मनोज सिंह किसी देवदूत से कम नहीं हैं. भाजपा नेता के रूप में भी उन्होंने महाराष्ट्र में अपनी पहचान बनायी है. मोटिया-मजदूर से ट्रांसपोर्टर बनने के उनके संघर्ष के बारे में जानें...

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2023 3:53 PM
an image

Jharkhand Ke Pravasi: मुंबई को यूं ही मायानगरी नहीं कहा जाता. कई लोग यहां आते हैं और साल दर साल ठोकरें खाते रहते हैं. उनकी जिंदगी मुफलिसी में गुजर जाती है. कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो यहां खाली हाथ आते हैं. संघर्ष करते हैं और सफलता की बुलंदियों पर पहुंच जाते हैं. हिंदी फिल्मों में आपने ऐसे कई किरदार देखे होंगे. फिल्म में जो कुछ भी आप देखते हैं, वह किसी लेखक की कल्पना होती है. इसमें हीरो मजदूरी करते-करते बहुत बड़ा आदमी बन जाता है.

आज हम आपको झारखंड के एक ऐसे प्रवासी के बारे में बतायेंगे, जिसकी कहानी किसी फिल्म के हीरो से कम नहीं है. हम उस शख्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जो रोजी-रोटी की तलाश में मुंबई पहुंचे थे. यहां मोटिया-मजदूरी करते थे. आज वह मुंबई के जाने-माने ट्रांसपोर्टर हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई एवं उसके आसपास रहने वाले 15 लाख झारखंडियों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं हैं. उनका नाम है- ठाकुर मनोज सिंह.

झारखंड की राजधानी रांची से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है हजारीबाग जिला. जिला के चौपारन प्रखंड में स्थित कुतलू गांव निवासी ठाकुर मनोज सिंह ने करीब तीन दशक पहले सन् 1992 में मुंबई पहुंचे. तब उनकी उम्र 18 साल थी. मुंबई में कोई काम नहीं मिला, तो बोझा उठाने का काम शुरू कर दिया. मोटिया-मजदूर के रूप में मुंबई आने वाले ठाकुर मनोज सिंह आज बड़े ट्रांसपोर्टर हैं. सैकड़ों लोगों को रोजगार दे रहे हैं.

ठाकुर मनोज सिंह बताते हैं कि परिवार की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. इसलिए घर छोड़कर इतनी दूर मुंबई आ गया. मोटिया का काम करने लगा. हाथ गाड़ी खींचकर पैसे कमाता और उससे किसी तरह जीवन चलता. इसी दौरान ट्रांसपोर्ट में नौकरी मिल गयी. वहां काम करने लगा. काम के दौरान ट्रांसपोर्ट चलाने का कुछ ज्ञान मिला, तो वर्ष 2010 में अपनी एक ट्रांसपोर्ट कंपनी बनायी. मुंबई से राजकोट तक माल भेजता था. धीरे-धीरे तरक्की होने लगी. वर्ष 2017 में एक बड़ी कंपनी बनायी.

ठाकुर मनोज सिंह बताते हैं कि अब मेरे ट्रांसपोर्ट के जरिये मुंबई से राजकोट, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों में माल भेजे जाने लगे. काम बढ़ा, तो ट्रक की संख्या भी बढ़ी. धीरे-धीरे कंपनी ने 100 ट्रक खरीद लिये. आज कंपनी में करीब 400 लोगों को रोजगार दे रहे हैं. झारखंड से मुंबई आने वालों की मदद करने के लिए वह हमेशा तत्पर रहते हैं. जनसेवा की भावना ही उन्हें राजनीति में ले आयी. यहां भी ठाकुर मनोज सिंह ने अपना लोहा मनवाया. महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी पहचान बनायी.

वर्ष 2014 में ठाकुर मनोज सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में बतौर सदस्य शामिल हुए. पार्टी संगठन में उनके बेहतर काम को देखते हुए तत्कालीन शिक्षा मंत्री सह मुंबई के भाजपा अध्यक्ष आशीष सेलार के साथ काम करने का मौका मिला. ठाकुर मनोज सिंह ने पार्टी उपाध्याय अमरजीत मिश्रा के साथ मिलकर पार्टी संगठन को आगे बढ़ाने का काम किया. पार्टी फोरम पर एक प्रस्ताव किया, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी झारखंड सेल मुंबई का गठन करने की बात कही.

ठाकुर मनोज सिंह ने पार्टी को बताया कि इस संगठन के माध्यम से झारखंड के अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जायेगा, जो भाजपा को मजबूत बनायेंगे. पार्टी को उनकी यह सलाह अच्छी लगी और 7 जनवरी 2021 को महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी झारखंड सेल मुंबई का गठन हो गया. ठाकुर मनोज सिंह को ही भारतीय जनता पार्टी झारखंड सेल मुंबई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. संगठन का काम करते हुए मनोज सिंह ने 6 जिलों में 36 मंडल और 27 वार्डों में सगंठन को मजबूत किया.

ठाकुर मनोज सिंह बताते हैं कि महाराष्ट्र के मुंबई और आसपास के इलाकों में लगभग 15 लाख झारखंड के लोग निवास करते हैं. वे अलग-अलग रोजगार और व्यवसाय से जुड़े हैं. इन सभी को एक मंच पर लाना पहली प्राथमिकता है. श्री सिंह ने कहा झारखंड मेरी जन्मभूमि है, तो महाराष्ट्र कर्मभूमि. दोनों की सेवा करना मेरा धर्म है. उनका कहना है कि वह झारखंड के लोगों को महाराष्ट्र में पहचान दिलाना उनकी प्राथमिकता है.

रिपोर्ट – नागेश्वर, गोमिया, बोकारो

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version