Janmashtami: जन्माष्टमी के दौरान दही हांडी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में मटकी फोड़ने का प्रयास करते हुए एक युवक को देखा जा सकता है. कई बार प्रयास करने के बावजूद युवक मटकी को फोड़ने में कामयाब नहीं हो पाता है. जिसके बाद एक अन्य युवक मटकी को फोड़ने के प्रयास में जुट जाता है, हालांकि वह भी मटकी को फोड़ने में कामयाब नहीं होता नहीं दिखा.
ऐसी मटकी कौन बनाता है भाई?
इन दौरान वहां मौजूद भीड़ लगातार युवकों को मटकी फोड़ने के लिए प्रोत्साहित करते दिख रहे है. वायरल वीडियो में अंतत: मटकी फूटता हुआ नहीं दिख रहा है. मनीष मिश्रा ने इस वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, ऐसी मटकी कौन बनाता है भाई? पूरी मंडली मिलकर कुम्हार को ढूंढ रही है.
दो साल बाद गली मोहल्लों में गूंजी गोविंदा आला रे आला की गूंज
बताते चलें कि दो साल के बाद फिर एक बार मुंबई के गली मोहल्लों में गोविंदा आला रे आला की गूंज सुनायी दी. शुक्रवार को मुंबई और आसपास के शहरों में दही हांडी का त्यौहार मनाया गया, जिसमें युवाओं की टोलियां मानव पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी मटकियों को फोडतीं हैं. मालूम हो कि राजनीतिक दल भी इस त्यौहार में बढ़ चढकर हिस्सा लेते हैं.
कई दिनों पहले से ही शुरू हो जाता है अभ्यास
उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में जब पूरी दुनिया ठप थी, तब ये त्यौहार भी नहीं मना. कई दशकों से मुंबई में कृष्ण जन्माष्टमी इसी अंदाज में मनायी जाती रही है. भगवान की गोकुल में की गई बाल लीलाओं को याद कर के जिस तरह से नन्हें घनश्याम अपने दोस्तों के साथ मिलकर ऊंचाई पर लटकी मटकियों से माखन चुराते थे, उसी तरह से मुंबई के युवक भी 30 से 40 फुट की ऊंचाई पर दही और हल्दी से भरी मटकियों तक पहुंचने के लिये एक के ऊपर एक खड़े होकर मीनारें बनाते हैं. जिस टोली के हाथ मटकी लगी उसे इनाम में मोटी रकम मिलती है. इसमें जान हाथ पैर की हड्डियां टूटने से लेकर जान जाने तक का खतरा है. इस जोखिम भरे खेल के लिए कई दिनों पहले से ही अभ्यास शुरू हो जाता है.
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