Maharashtra News: पहले बंदूक दिखाकर धमकाया, अब लगी IPC की धारा 307
ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मां की मुश्किलें और बढ़ती जा रही है. इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस का रवैया काफी सक्त नजर आ रहा है. पूजा की मां मनोरमा पर लगने वाली, IPC की धारा 307 को पुलिस ने कोर्ट में उचित माना है.
By Kushal Singh | July 19, 2024 9:11 AM
Maharashtra News: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर और उनके परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. एक तरफ जहां पूजा पर गलत तरीके से UPSC परीक्षा उत्तीर्ण करने का आरोप है. वहीं दूसरी तरफ उनके माता पिता पर किसानों को धमकाने को लेकर कार्यवाई की जा रही है. इस मामले में पूजा की मां मनोरमा को गुरुवार को रायगढ़ जिले के महाद से हिरासत में लिया गया था. जहां वो गलत पहचान बताकर अपने ड्राइवर के साथ छिपी हुई थी. बताते चलें कि पुणे के किसान ने मनोरमा के खिलाफ धमकाने और जान से मारने के प्रयास जैसी शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में पुलिस ने विभिन्न धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया था. उनपर लगने वाली इन धाराओं में IPC की धारा 307 का भी जिक्र है.
पुलिस ने कहा इस मामले में धारा 307 जोड़ना बिल्कुल ठीक
पूजा खेडकर की मां मनोरमा द्वारा गन दिखाकर किसान को धमकाने वाले मामले में पुलिस का रवैया काफी सक्त है. इस प्रकरण में पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि दर्ज FIR में IPC की धारा 307 को जोड़ना पूरी तरह से सही है. पुलिस ने ये भी कहा कि मनोरमा ने शिकायतकर्ता के सिर पर बंदूक तान दी थी. जब वह ट्रिगर दबाने वाले थीं, उसी वक्त वह व्यक्ति डर के मारे नीचे बैठ गया था जिससे उसकी जान बच गई थी.इसके बाद वहां मौजूद अन्य लोगों ने मनोरमा को रोका नहीं तो वह हत्या भी कर सकती थी. इस जमीन विवाद से जुड़े मामले में पुलिस ने कोर्ट से मनोरमा की पांच दिन की कस्टडी मांगी है.
धारा 307 आईपीसी, हत्या के प्रयास के कृत्य और उसके अनुरूप दंड को परिभाषित करती है. भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो इस इरादे या ज्ञान के साथ कोई कार्य करता है कि, यदि वह उस कार्य से मृत्यु का कारण बनता है. तब वह हत्या का दोषी होगा. ऐसी स्थिति में उसे दस साल तक की अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा और जुर्माना भी देना होगा. यदि वे उस कार्य से किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, तो उन्हें आजीवन कारावास या ऐसी अन्य सजा दी जाएगी जो उचित समझी जाए.