Maharashtra Politics : क्या महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आने वाला है? दरअसल, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि महायुति सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच बढ़ती दरार की अटकलें हैं. इस बीच शिंदे ने अपने आलोचकों को उन्हें हल्के में न लेने की चेतावनी दी है. फडणवीस द्वारा बुलाई गई बैठकों में शामिल न होने वाले शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के पतन का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 2022 में जब उन्हें हल्के में लिया गया तो उन्होंने मौजूदा सरकार को गिरा दिया था.
2022 में मुझे हल्के में लिया गया : एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे की यह टिप्पणी फडणवीस द्वारा जालना में 900 करोड़ रुपये की परियोजना को रोके जाने के बाद आई है, जिसे शिंदे के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मंजूरी दी गई थी. परियोजना की वैधता और शिंदे की मंजूरी के पीछे की मंशा पर सवाल उठने के बीच जांच के आदेश भी दिए गए हैं. पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, “मैं एक सामान्य पार्टी कार्यकर्ता हूं, लेकिन मैं बाला साहेब का भी फॉलोवर हूं. यह बात सभी को समझनी चाहिए. जब 2022 में मुझे हल्के में लिया गया तो मैंने मौजूदा सरकार को पलट दिया.”
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शिंदे ने आगे कहा, “विधानसभा में अपने पहले भाषण में मैंने कहा था कि देवेंद्र फडणवीस जी को 200 से ज़्यादा सीटें मिलेंगी और मिलीं भी. इसलिए मेरी बात को हल्के में न लें. जिन लोगों के लिए यह कहा गया है, वे इसे समझेंगे.”
एकनाथ शिंदे के 40 विधायकों के साथ किया था विद्रोह
2022 में एकनाथ शिंदे के 40 विधायकों के साथ विद्रोह ने शिवसेना को दो भाग में बांट दिया. महा विकास अघाड़ी सरकार इसके बाद गिर गई. बाद में उन्होंने बीजेपी के साथ सरकार बनाई. वे खुद मुख्यमंत्री बने. हालांकि, 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी के मजबूत प्रदर्शन के बाद शिंदे को शीर्ष पद से हटना पड़ गया. महायुति को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई. बीजेपी ने 132, शिवसेना ( एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं.