पश्चिम बंगाल : देउचा-पचामी के भूमि दाताओं को ममता बनर्जी सौंपेंगी नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह प्रोजेक्ट एक ड्रीम प्रोजेक्ट है. सीएम का कहना है कि यह प्रोजेक्ट बनेगा तो एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. लेकिन शुरू से ही तय था कि दीवानगंज हरिनसभा क्षेत्र में सरकार लोगों से स्वेच्छा से जमीन लेगी.
By Shinki Singh | February 17, 2024 4:56 PM
बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले (Birbhum district) के दो दिवसीय दौरे के क्रम में रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सिउड़ी में आयोजित होने वाले प्रशासनिक सभा के मंच से मोहम्मद बाजार के प्रस्तावित देउचा पचामी कोयला योजना के मद में और ली गयी अतिरिक्त 157 एकड़ भूमि के मालिकों को सरकारी पुलिस के लिए नियुक्ति पत्र सौपेंगी. मुख्यमंत्री के बीरभूम दौरे से पहले गत शुक्रवार को 12-13 लॉट में करीब 157 एकड़ जमीन पुनः खरीदी गयी. जिसमें से 562 भूमि मालिकों को नौकरी मिलेगी. रविवार को ममता बनर्जी सिउड़ी के चांदमारी ग्राउंड में सरकारी सेवा वितरण समारोह में भूस्वामियों को पुलिस और प्रशासन पदों के लिए रोजगार पत्र सौंपेंगी.
सिउड़ी प्रशासनिक सभा से सीएम देंगी सौगात
पीडीसीएल को देउचा-पचामी में भूमिगत कोयला खनन का मौका मिला है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह प्रोजेक्ट एक ड्रीम प्रोजेक्ट है. सीएम का कहना है कि यह प्रोजेक्ट बनेगा तो एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. लेकिन शुरू से ही तय था कि दीवानगंज हरिनसभा क्षेत्र में सरकार लोगों से स्वेच्छा से जमीन लेगी. मुख्यमंत्री ने उसके लिए मानवीय पैकेज की भी घोषणा की. उस पर 13 लाख प्रति बीघे की दर से भुगतान करने के साथ ही जमींदार द्वारा नामित अभ्यर्थी को सिपाही या समकक्ष सरकारी क्षेत्र में स्थाई नियुक्ति पत्र दिये जाने की घोषणा की थी. हालांकि, देउचा पचामी में पिछले 11 लॉट में 1088 लोगों को सरकारी नौकरी दी गयी है. उनमें से कुछ को कांस्टेबल पद मिल गये हैं.
वही कई चतुर्थ श्रेणी पदों पर काम करते हैं. इससे पहले शुक्रवार को प्रशासन ने 12-13 लॉट जमीन की खरीद पूरी कर ली. कुल 583 लोगों से 157 एकड़ जमीन खरीदी गयी. जिनमें से 320 को पुलिस और 242 को चतुर्थ श्रेणी में नये नियुक्ति पत्र दिये जायेंगे. रविवार को मुख्यमंत्री प्रतीक स्वरूप कुछ को नियुक्ति पत्र सौंपेंगी. हालांकि, जमीन दानदाताओं की शैक्षणिक योग्यता और जमीन के मालिकाना हक की जांच का काम चल रहा है. कांस्टेबल बनने के लिए आवश्यक ऊंचाई, शारीरिक फिटनेस की कमी कुछ अभ्यर्थियों में देखी जा रही है. बहरहाल, औद्योगिक बीरभूम में एशिया के सबसे बड़े कोयला खदान के लिए मुख्यमंत्री की इस पहल से मोहम्मदबाजार समेत पूरे जिले में उम्मीद जगी है.