कोरोना महामारी की वजह से नंदा देवी का यह अभियान इस साल संभव नहीं हो सका. यह अब अगले साल सितंबर 2021 में होगा. अभियान के लिए चुनी हुई सदस्यों को प्रशिक्षित करने का काम अप्रैल में शुरू हो जायेगा.
एवरेस्ट फतह करने के बाद से ही शीतल राज ने पर्वतारोहण की दुनिया में युवतियों-महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए काम करने की इच्छा जतायी थी. उनका मानना है कि पर्वतारोहण का बुनियादी हुनर सीख लेने के बाद महिलाओं को गाइड के तौर पर काम करन में सहूलियत होगी, जो उन्हें आत्मनिर्भर भी बनायेगा.
स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षित करने का काम एवरेस्ट विजेता शीतल राज स्वयं भी लगातार कर रही हैं. इसी इरादे से उन्होंने अपने कोच के साथ मिलकर ‘क्लाइंबिंग बियांड द समिट’ नाम का एक संगठन भी बनाया है.
भावी अभियान के लिए उन्होंने पंद्रह ऐसे सदस्यों का चुनाव कर लिया है, जिन्होंने पर्वतारोहण का ‘एडवांस कोर्स’ तो कर लिया है, मगर पर्वतारोहण का अभी उन्हें कोई अनुभव नहीं है. चुनी गयी सदस्य हेमलता, धारचूला की मनीषा, पूजा सीपाल, रेखा, दीपिका, कलावती बराल, प्रीति रावत, मेनका गुंज्याल, मीनाक्षी राठौर और मोना हैं.
शीतल के 15 सदस्यीय दल में उनके साथ ही महाराष्ट्र की याद्धनिकी भिलेर और हिमाचल की बबीता ठाकुर भी नंदा देवी अभियान में शामिल रहेंगी. जानकारी के मुताबिक, तीन सदस्य अब भी और चुने जाने हैं.