Rourkela News : राउरकेला इस्पात संयंत्र में कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर नौकरी करनेवालों का सपना सोमवार को साकार हो गया है. ये कर्मचारी जूनियर इंजीनियर( जेई ) पदनाम लागू करने की मांग कर रहे थे. इसे सेल की अन्य इकाइयों में लागू कर दिया गया है, लेकिन राउरकेला इस्पात संयंत्र में लागू नहीं किया जा सका, क्योंकि मौजूदा यूनियन क्लस्टर-डी को समाप्त कर दिया गया था. वहीं संयंत्र की मान्यता प्राप्त यूनियन राउरकेला श्रमिक संघ ने अपने चुनावी घोषणापत्र के माध्यम से इस जेई पदनाम को लागू करने का वादा किया था. चुनाव जीतने के बाद पहले कदम के रूप में राउरकेला श्रमिक संघ के महासचिव प्रशांत कुमार बेहरा के नेतृत्व में यह साकार हुआ. सोमवार को स्थानीय आरएलसी कार्यालय में क्षेत्रीय श्रम आयुक्त की उपस्थिति में प्रबंधन और यूनियन के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये गये. जिसके अनुसार अब से क्लस्टर ए (एस 1, एस 2)- तकनीकी सहयोगी, क्लस्टर बी (एस 3, एस 4, एस 5)- जूनियर इंजीनियरिंग सहयोगी, क्लस्टर सी (एस 6, एस 7, एस 8)- इंजीनियरिंग सहयोगी क्लस्टर सी (एस 9, एस 10, एस 11)- जूनियर इंजीनियर को क्रमशः कार्यालय सहयोगी, प्रशासनिक सहयोगी, अनुभाग सहयोगी, अनुभाग अधिकारी का पद मिलेगा. यदि यह समझौता अन्य इकाइयों की तरह क्लस्टर डी के आधार पर किया गया होता तो अधिकतम 50 कर्मचारी जेई बन सकते थे, लेकिन संघ के महासचिव के प्रयासों से यह क्लस्टर सी (9,10,11) से दिया जा रहा है, अब लगभग 4794 कर्मचारियों को यह जेई पदनाम मिलेगा. समझौते पर प्रबंधन की ओर से एस एन पंडा मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), डॉ पीके साहू महाप्रबंधक प्रभारी (मानव संसाधन), एस के मेहरोत्रा महाप्रबंधक (मानव संसाधन), एसके सेनापति वरिष्ठ प्रबंधकीय (मानव संसाधन) ने हस्ताक्षर किए, जबकि संघ की ओर से डीएस पाणिकर, प्रशांत कुमार बेहरा, दिलीप कुमार महापात्र, चक्रधर प्रधान, निहार दास, सुरेश पाणिग्राही, बिरकिशोर शेखरदेव, अक्षय जेना, आर के पंंडा आदि ने हस्ताक्षर किया है.
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