Rourkela News: राउरकेला की जीवन रेखा कही जाने वाली ब्राह्मणी नदी में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकता है. ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, अनुपचारित सीवेज और औद्योगिक अपशिष्ट के निर्वहन के कारण नदी के पानी की गुणवत्ता में भारी गिरावट आयी है.
एसपीसीबी ने की थी 11 नदियों के पानी की जांच
जानकारी के अनुसार, एसपीसीबी ने राज्यभर की कुल 11 नदियों के पानी की जांच की. इनमें ब्राह्मणी नदी में पानी की गुणवत्ता के सबसे खराब संकेतक पाये गये. नदी की जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग या बीओडी 1.8 मिलीग्राम प्रति लीटर से लेकर 39 मिलीग्राम प्रति लीटर तक थी, जो 5 मिलीग्राम प्रति लीटर की सुरक्षित सीमा से कहीं अधिक है. नदी प्रदूषण के एक प्रमुख स्रोत के रूप में भूजल में रासायनिक रूप से दूषित पानी के प्रवेश को जिम्मेदार माना जा रहा है. इसके अलावा कई बड़े होटल, निजी चिकित्सा सुविधाएं और औद्योगिक इकाइयां अभी भी मुख्य सीवर नेटवर्क से जुड़ी नहीं हैं, जिसके परिणामस्वरूप विषैला कचरा सीधा ब्राह्मणी नदी में गिरता है. राउरकेला महानगर निगम और एसपीसीबी ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई प्रयास किये हैं, लेकिन अभी भी बहुत सारा काम अधूरा है.
ब्राह्मणी में प्रदूषण कम करने के लिए करेंगे समन्वित प्रयास : आशुतोष कुलकर्णी
निगम आयुक्त आशुतोष कुलकर्णी ने कहा कि वे प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बारे में संबंधित विभागों से विचार-विमर्श करेंगे और प्रदूषण पैदा करने वाले हर प्रतिष्ठान को शहर की सीवरेज प्रणाली में एकीकृत करने के लिए कदम उठायेंगे. इसे लेकर शहर के बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि ब्राह्मणी नदी की सफाई न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है. इसके लिए समन्वित कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है. शहर के एकमात्र प्रमुख जल स्रोत ब्राह्मणी नदी की सफाई के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा.
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