Rourkela News: आग से करीब 80 प्रतिशत तक झुलसी बरगढ़ जिले की सोनाली मिश्र की जिंदगी बचाने के लिए अपोलो अस्पताल के डॉक्टर देवदूत बनाकर आगे आये हैं. इस अस्पताल के डॉक्टरों समेत यहां के स्टाफ को मिलाकर कुल 10 लोगों ने रक्तदान किया है. सामाजिक संस्था वनमाली धुपाल चेरिटेबल ट्रस्ट की फाउंडर चेयरपर्सन डॉ मधुस्मिता धुपाल की पहल पर अस्पताल के डॉक्टर इस मरीज की मदद के लिए आगे आये हैं.
अस्पताल के सीओओ व अन्य स्टाफ ने 10 यूनिट रक्तदान किया
सोनाली के लिए शुक्रवार व शनिवार को कुल 10 यूनिट रक्त संग्रह किया गया. रक्तदान करनेवाले डॉक्टरों में अस्पताल के सीओओ डॉ अखिल जैन, न्यूरोलोजिस्ट डॉ दीप्तिरंजन त्रिपाठी व डॉ अभिषेक नंदा, न्यूरोसर्जन डॉ आयुष्मान शतपथी, कश्मीर स्थित अपोलो अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ लुआइब मंजूर, मार्केटिंग विभाग के डीजीएम सिद्धार्थ नंदी, पारामेडिकल स्टाफ तापस कुमार देहुरी, फायर एंड सेफ्टी एग्जीक्युटिव रंजन कुमार नायक, तपन कुमार पंडा व कल्याणी पात्र शामिल हैं.
आइजीएच के बर्न वार्ड की आइसीयू में इलाजरत है सोनाली
बरगढ़ जिले के अताबिरा लारंभा के निवासी सत्यानंद रथ रेंगाली में नौकरी करते हैं. किसी वजह से उनकी पत्नी सोनाली मिश्रा (25) आग से जल गयी थी. उनके शरीर का 80 फीसदी हिस्सा झुलस गया है. उन्हें इलाज के लिए राउरकेला के इस्पात जनरल अस्पताल (आइजीएच) के बर्न वार्ड की आइसीयू के बेड नंबर चार पर भर्ती कराया गया है. उनका इलाज करने के लिए 16 फीसदी प्लाज्मा की जरूरत है. इसके लिए रक्तदान करनेवाले रक्तदाताओं काे उनके परिजनों की ओर से खोजा रहा था. इसी बीच उन्हाेंने किसी तरह वनमाली धुपाल चेरिटेबल ट्रस्ट की फाउंडर चेयरपर्सन डॉ मधुस्मिता धुपाल से संपर्क किया था.
चिकित्सक कैसे मरीज की मदद को आगे आते हैं, यह उपयुक्त उदाहरण
अपोलो अस्पताल के सीओओ डॉ अखिल जैन ने कहा कि आम जनता जिस तरह से अस्पताल व डॉक्टरों को देखती है. उसमें बीमारी व बीमारी का इलाज दो चीज की बात होती है. इलाज अच्छा हुआ या बुरा हुआ. इसके बीच किस तरह से डॉक्टर मरीजों की मदद को आगे आते हैं, यह रक्तदान इसका उपयुक्त उदाहरण है.
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