Jharsuguda News: देश के विभिन्न क्षेत्रों को हवाई मार्ग से जोड़ने वाले झारसुगुड़ा के वीर सुरेंद्र साय हवाई अड्डा का महत्व बढ़ता जा रहा है. न केवल पश्चिमी ओडिशा, बल्कि पड़ोसी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ क्षेत्र के यात्री भी विभिन्न गंतव्यों की यात्रा के लिए झारसुगुड़ा हवाई अड्डा पर निर्भर हैं. लेकिन यहां से हवाई सेवाओं के मामले में राज्य की राजधानी भुवनेश्वर को उतना महत्व नहीं दिया जाता है.
अंतिम समय में उड़ाने रद्द होना आम समस्या
एलायंस एयर का एटीआर-72 विमान झारसुगुड़ा-भुवनेश्वर सेक्टर में सप्ताहांत पर केवल 3-4 दिनों के लिए परिचालन कर रहा है. अचानक फ्लाइट कैंसिल होने से यात्रियों का परेशान होना आम बात है. अंतिम समय में उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को इस क्षेत्र में हवाई यात्रा को लेकर भारी परेशानी उठानी पड़ती है. जिससे यात्रियों में नाराजगी दिखने लगी है. झारसुगुड़ा-भुवनेश्वर के बीच नियमित उड़ान संचालित करने की मांग यात्री काफी समय से कर रहे हैं. लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ध्यान नहीं दे रहा है. सप्ताह के सभी दिन उड़ानों की व्यवस्था करने की मांग पर गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है और इसके लिए इंडिगो जैसी घरेलू एयरलाइंस की पेशकश की जा रही है.
भुवनेश्वर के लिए दैनिक और नियमित उड़ान संचालित करने की हो रही मांग
झारसुगुड़ा अब देश के विभिन्न प्रमुख शहरों से सीधा हवाई मार्ग से जुड़ गया है. झारसुगुड़ा से नयी दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, लखनऊ और रायपुर के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं. इस सेवा के और विस्तार की भी संभावना है. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य की राजधानी भुवनेश्वर के लिए कोई नियमित उड़ान सेवा नहीं है. राउरकेला-संबलपुर औद्योगिक गलियारे में झारसुगुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थान है. हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय और लंबी दूरी के यात्री बड़ी संख्या में आते हैं. लेकिन झारसुगुड़ा से भुवनेश्वर तक हवाई सेवा की खराब स्थिति को लेकर विभाग की आलोचना हो रही है. बड़ी संख्या में यात्रियों को समायोजित करने के लिए नियमित हवाई सेवाओं के साथ झारसुगुड़ा-भुवनेश्वर सेक्टर में हवाई यातायात की व्यवस्था करने की आवश्यकता है.
भुवनेश्वर-अबू धाबी के बीच सीधी उड़ान जून 2025 से शुरू होगी
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