Bhubaneswar News: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि भारत को 21वीं सदी की वैश्विक ज्ञान शक्ति में बदलने के लिए सभी के लिए समान शिक्षा और समान अवसर सुनिश्चित करना अनिवार्य है. वह ढेंकानाल जिले के तुमुसिंगा-श्रीमूला स्थित पीएम श्री पंचसखा सरकारी उच्च विद्यालय की स्वर्ण जयंती के अवसर पर एक वीडियो संदेश के माध्यम से बोल रहे थे.
स्वतंत्रता संग्राम के अनेक नायकों की पवित्र भूमि है ढेंकानाल
श्री प्रधान ने कहा कि वर्ष 2036 तक ओडिशा और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण एवं कौशल आधारित शिक्षा को प्राथमिकता देनी होगी. उन्होंने ढेंकानाल की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह वीर भूमि स्वतंत्रता संग्राम के अनेक नायकों जैसे बाजी राउत, पवित्र मोहन प्रधान, महेश चंद्र, सुभाहु सिंह, सारंगधर दास, तीरथबासी साहू, पूर्णचंद्र महापात्र और वेणुधर पंडा की जन्मस्थली रही है. उन्होंने बताया कि पंचसखा उच्च विद्यालय को लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से पीएम श्री स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है और यह विद्यालय अब ढेंकानाल और ओडिशा में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना चुका है.
ओड़िया समाज ने शांति और अहिंसा के मार्ग से विश्व में कायम की मिसाल
प्रधान ने कहा कि ओड़िया समाज ने शांति और अहिंसा के मार्ग से विश्व में एक मिसाल कायम की है. आज के बदलते दौर में छात्रों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक और कौशल विकास पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विशेष जोर दिया जा रहा है. पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्कूलों की बुनियादी सुविधाएं सशक्त हुई हैं. समग्र शिक्षा अभियान ने स्कूल ड्रॉपआउट दर को घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. स्मार्ट क्लासरूम, शौचालय, पेयजल, कंप्यूटर, इंटरनेट, पुस्तकालय, खेल मैदान जैसी आधारभूत सुविधाएं सुधारी गयी हैं. उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पोषक आहार प्रदान कर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रख रही है. गोदावरीश मिश्रा आदर्श प्राथमिक विद्यालय योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में एक आदर्श विद्यालय की स्थापना की जा रही है. इसके अलावा मुख्यमंत्री पोषण योजना, गंगाधर मेहेर शिक्षा मानक वृद्धि योजना और पंचसखा शिक्षा सेतु अभियान के माध्यम से छात्रों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ी है.
सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब की होगी स्थापना
प्रधान ने यह भी बताया कि अगले पांच वर्षों में देशभर के सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जायेंगी, ताकि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिल सके. सरकार ‘भारतीय भाषा पुस्तक योजना’ शुरू करने जा रही है, जिसके तहत छात्रों को डिजिटल पुस्तकें और मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध करायी जायेगी. अंत में उन्होंने कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गये नागरिकों और इसरो के पूर्व अध्यक्ष व राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख शिल्पकार पद्म विभूषण डॉ के कस्तूरीरंगन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रधान ने सभी शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों से अपील की कि वे ‘विकसित ओडिशा और विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में सहभागी बनें.
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