Rourkela News: आरएसपी ने चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में प्रमुख क्षेत्रों में प्रभावशाली निष्पादन दर्ज किया
Rourkela News:आरएसपी ने वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 11 माह के दौरान प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है.
By Prabhat Khabar News Desk | March 7, 2025 12:08 AM
Rourkela News: राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल- फरवरी 2025) के पहले 11 माह के दौरान प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया. ब्लास्ट फर्नेस-1 (बीएफ-1) और ब्लास्ट फर्नेस-5 (बीएफ-5) ने क्रमश: रिकॉर्ड तोड़ 9,13,292 टन और 28,47,561 टन हॉट मेटल का उत्पादन किया, जो अप्रैल-फरवरी में उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ निष्पादन है. बीएफ-5 ने पिछले वर्ष की इसी अवधि (सीपीएलवाइ) की तुलना में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. अत्याधुनिक हॉट स्ट्रिप मिल-2 ने कुल 19,58,063 टन हॉट रोल्ड क्वायल को रोल किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 8.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अप्रैल-फरवरी के अपने सर्वश्रेष्ठ निष्पादन का नया रिकॉर्ड स्थापित किया.
एसएसएल में 2,39,402 टन का सर्वश्रेष्ठ निष्पादन दर्ज
शीट शियरिंग लाइन (एसएसएल) ने भी 2,39,402 टन का उत्पादन कर अप्रैल-फरवरी में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ निष्पादन दर्ज किया. इसके साथ ही, न्यू प्लेट मिल ने 8,43,856 टन प्लेटों का उत्पादन करके अप्रैल-फरवरी में अपना सर्वश्रेष्ठ निष्पादन दर्ज किया. इसी तरह, सिंटर प्लांट-3 ने 33,82,691 टन सिंटर का उत्पादन कर अपने पहले ग्यारह महीनों का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन दर्ज किया, जिससे अप्रैल-फरवरी 2022-23 में हासिल 33,77,805 टन के अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सुधार हुआ.
हॉट स्ट्रिप मिल-2 ने भी 2,14,690 टन एचआर क्वायल रोल किया
इस्पात संयंत्र की कई इकाइयों ने फरवरी, 2025 में एपीपी लक्ष्यों को पूरा किया, जबकि ब्लास्ट फर्नेस-5 ने 2,47,594 टन हॉट मेटल का उत्पादन करते हुए सर्वश्रेष्ठ फरवरी उत्पादन दर्ज किया. हॉट स्ट्रिप मिल-2 ने भी 2,14,690 टन एचआर क्वायल रोल कर सर्वश्रेष्ठ फरवरी उत्पादन दर्ज किया, जबकि एसएसएल ने 28,043 टन एचआर शीट का उत्पादन कर अपना सर्वश्रेष्ठ फरवरी निष्पादन दर्ज किया. उल्लेखनीय है कि इस्पात संयंत्र प्रमुख इकाइयों की क्षमता उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, साथ ही, इस्पात बाजार में उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्पादकता बढ़ाने और उत्पादन की लागत को कम करने पर जोर दे रहा है.
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