Rourkela News : राउरकेला एयरपोर्ट को पूर्ण विकसित करने को लेकर एएआइ की टीम ने किया निरीक्षण

टीम में उपमहाप्रबंधक (सिविल) वीआर टोप्पो, उपमहाप्रबंधक (सीएनएस) केके विंधानी, उप महाप्रबंधक (एटीएम-एफपीडी) प्रवीण उन्नीकृष्णन, वरिष्ठ प्रबंधक अब्दुल अजीज, प्रबंधक अजय कुमार और सहायक प्रबंधक मेघा रोहिल्ला शामिल थे.

By SUNIL KUMAR JSR | March 26, 2025 12:28 AM
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Rourkela News : राउरकेला एयरपोर्ट काे विकसित करने को लेकर मंगलवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राउरकेला एयरपोर्ट का निरीक्षण किया. टीम में उपमहाप्रबंधक (सिविल) वीआर टोप्पो, उपमहाप्रबंधक (सीएनएस) केके विंधानी, उप महाप्रबंधक (एटीएम-एफपीडी) प्रवीण उन्नीकृष्णन, वरिष्ठ प्रबंधक अब्दुल अजीज, प्रबंधक अजय कुमार और सहायक प्रबंधक मेघा रोहिल्ला शामिल थे. टीम ने हवाई अड्डे की स्थिति का आकलन किया. रनवे विस्तार के लिए आवश्यक भूमि, हवाई अड्डे की भूमि के स्वामित्व हस्तांतरण की प्रक्रिया, 4सी लाइसेंस, इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस), नाइट लैंडिंग, सौर पैनलों की स्थापना, 250 सीटों वाले टर्मिनल भवन, पारंपरिक हॉल, कैफेटेरिया लाउंज आदि का निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का निरीक्षण किया. गौरतलब है कि 15 फरवरी को राज्य सरकार ने एएआई के चेयरमैन विपिन कुमार को एयरपोर्ट के विकास के लिए पत्र लिखा था. 21 फरवरी को एएआई ने पत्र के माध्यम से सर्वेक्षण के लिए धनराशि जमा करने की जानकारी दी. राज्य सरकार ने 6 मार्च को 40,52,946 रुपए का भुगतान कर दिया. मंगलवार को एएआई की टीम ने हवाई अड्डे का दौरा किया और आसपास के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया. टीम ने राउरकेला एयरपोर्ट का 2.5 से 2.7 किलोमीटर तक विस्तार किये जाने को लेकर संभावनाओं को खंगाला. इसके तहत इस टीम सेक्टर-13 प्रतिमा मिलन मैदान से लेकर दिल्ली पब्लिक स्कूल व रिंगरोड का भी निरीक्षण किया. यह टीम अब एएआइ को अपनी रिपोर्ट प्रदान करेगी. यह रिपोर्ट प्रदान करने के बाद अप्रैल महीने के प्रथम सप्ताह में ओएलएस सर्वे किया जायेगा. इसके बाद केंद्र सरकार व राज्य सरकार के बीच बातचीत होने के पश्चात सेल की ओर से राज्य सरकार को जमीन प्रदान की जायेगी. इसके बाद राउरकेला एयरपोर्ट को पूरी तरह से विकसित करने में दो साल का समय लग सकता है. इस एयरपोर्ट को आगामी 50 साल के लिये तैयार किया जा रहा है. वैसे इस एयरपोर्ट के पास 150 एकड़ जमीन है तथा इसे विकसित करने के लिए अतिरिक्त 150 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी. इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस टीम ने यहां का दौरा किया था.

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