Jharsuguda News: उदयान तारा प्रोजेक्ट से बढ़ी नौनिहालों की सीखने की क्षमता
Jharsuguda News: झारसुगुड़ा जिला प्रशासन की ओर से शुरू किये गये उदयान तारा प्रोजेक्ट से नौनिहालों की सीखने की क्षमता बढ़ी है.
By BIPIN KUMAR YADAV | April 28, 2025 4:00 AM
Jharsuguda News: उदयान तारा प्रोजेक्ट की शुरुआत के बाद से झारसुगुड़ा के सरकारी स्कूलों में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं. पिछले दो सालों में कक्षाएं रंगीन हो गयी हैं और उनमें पढ़ने वाले छात्र बेहतर ढंग से सीख रहे हैं. शिक्षा मंत्रालय की वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसइआर) के अनुसार, जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों के सीखने की क्षमता में सुधार हुआ है. इतना ही नहीं, राज्य के समग्र एचएससी (कक्षा 10) परिणामों में, झारसुगुड़ा ने 2023 में 15वें स्थान से अपनी रैंक में सुधार करते हुए पिछले साल पांचवें स्थान पर रहा. समग्र शिक्षा के तहत झारसुगुड़ा प्रशासन की ओर से समर्पित पहल उदयान तारा (एक संबलपुरी शब्द जिसका अर्थ है उभरते सितारे) छात्रों की बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) कौशल में सुधार लाने में सक्षम रही है, जिसे बच्चे की शिक्षा का आधार माना जाता है.
6-14 वर्ष की आयु के 87.7 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में नामांकित
झारसुगुड़ा के एएसइआर-2024 से पता चलता है कि 6-14 वर्ष की आयु के 87.7 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में नामांकित हैं. जबकि 63.2 प्रतिशत अंग्रेजी की कक्षा की किताबें पढ़ने में सक्षम हैं. 54.9 प्रतिशत बच्चे अंकगणित के बुनियादी प्रश्नों को हल कर सकते हैं. 2022 में, एएसइआर ने पाया कि 53 प्रतिशत छात्र बुनियादी स्तर पर अंग्रेजी पढ़ने में सक्षम थे और 40.2 प्रतिशत सरल अंकगणित हल कर सकते थे. सुधार की आवश्यकता को समझते हुए जिला प्रशासन ने 2023-24 शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों के सभी छात्रों को कवर करते हुए उदयान तारा प्रोजेक्ट शुरू किया था.
बेसलाइन आकलन के माध्यम से की गयी बच्चों की सीखने की क्षमता की पहचान
बच्चों की बोली और पढ़ने की भाषा के बीच अंतर पाटने का किया प्रयास
जिलाधीश ने बताया कि संबलपुरी बोली होने के कारण बच्चों को पठन सामग्री को समझने में समस्या होती थी. बच्चों द्वारा घर पर बोली जाने वाली भाषा और स्कूलों में पढ़ने के माध्यम के बीच का अंतर पता किया. इस समस्या से निबटने के लिए, जिला प्रशासन और समग्र शिक्षा ने हाल ही में शुरुआती शिक्षार्थियों के लिए संबलपुरी भाषा में एक प्राइमर लॉन्च किया है. यह बच्चों की मातृभाषा (संबलपुरी) और पाठ्यपुस्तकों में पढ़ाई जाने वाली ओड़िया भाषा के बीच एक पुल का काम करेगा. इसका उद्देश्य छात्रों को अपनी भाषा के माध्यम से ओड़िया सीखने में आसानी प्रदान करना है. यह प्राइमर जिले के 517 प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 4,459 शिशु वाटिकाओं और कक्षा-1 के छात्रों को दिया जायेगा.
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