12 हजार हेक्टेयर जमीन में बनेगा शहर
अर्बन सेंटर के मास्टर प्लान पर जानकारी देते हुए YEIDA के CEO अरुणवीर सिंह ने बताया कि यह शहर करीब 12 हजार हेक्टेयर जमीन में फैलेगा. इसमें से 25 प्रतिशत हिस्सा औद्योगिक विकास के लिए आरक्षित रहेगा, जहां प्रदूषणरहित उद्योगों और पर्यटन से जुड़े व्यवसायों को बढ़ावा दिया जाएगा. इसमें करीब 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र उद्योगों के लिए और 1 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर्यटन गतिविधियों के लिए रखा गया है. इस नए शहर में लगभग 14 लाख लोगों के रहने की व्यवस्था होगी. यह शहर चार चरणों में तैयार किया जाएगा, जिसका पहला चरण 2025 से 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
2041 तक पूरा होगा लक्ष्य
मास्टर प्लान के मुताबिक इस पूरे शहर का विकास वर्ष 2041 तक पूरा कर लिया जाएगा. शहर के लिए पानी की आपूर्ति यमुना नदी और लोअर गंगा कैनाल से की जाएगी. इस बैठक में फुटवियर और चर्म उद्योग विकास परिषद के अध्यक्ष पूरन डावर ने जेवर में लेदर पार्क के लिए 100 एकड़ भूमि देने का सुझाव दिया. वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया.
स्टेकहोल्डर्स से 15 दिनों के भीतर मांगे सुझाव
मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने बैठक में कहा कि टीटीजेड क्षेत्र में उद्योगों पर जो प्रतिबंध हैं, वे जल्द ही समाप्त होने की संभावना है. इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट में पूरी सक्रियता से पैरवी कर रही है. प्रजेंटेशन के बाद यीडा के सीईओ ने स्टेकहोल्डर्स से 15 दिनों के भीतर अपने सुझाव और आपत्तियां देने को कहा है. इन सुझावों के आधार पर ही अर्बन सिटी योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा.
लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन
इस नए शहर का विकास औद्योगिक क्षेत्र से शुरू किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे. इस स्मार्ट सिटी में लगभग 14.6 लाख लोगों के लिए रिहायशी सुविधाएं और करीब 8.5 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने की योजना है. शुरुआत में 36 गांवों में विकास कार्य किए जाएंगे और इसके बाद बाकी के 58 गांवों की 9500 हेक्टेयर भूमि को इस योजना में शामिल करते हुए शहर का विस्तार होगा. प्रस्तावित योजना में आवासीय, औद्योगिक, व्यापारिक, हरित क्षेत्र और अत्याधुनिक परिवहन की सुविधाएं शामिल हैं.