Lucknow News: राजधानी लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में इलाज के अभाव में बांदा के पूर्व भाजपा सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के बेटे की मौत के मामले में शासन ने एक्शन लिया है. प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए गए चिकित्सक को कार्यमुक्त किया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को पूर्व सांसद के बेटे के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि प्रकरण में प्रदेश सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए गए संबंधित चिकित्सक को संस्थान से कार्यमुक्त किया जा रहा है. भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो इस संबंध में निदेशक, एसजीपीजीआई को चेतावनी भी दी गई है. किडनी की बीमारी से जूझ रहे बेटे 42 वर्षीय प्रकाश मिश्र को शनिवार को गंभीर हालत में परिजन एसजीपीजीआई लेकर आए थे. आरोप है कि इमरजेंसी में बेड नहीं खाली होने की बात कहकर प्रकाश को भर्ती नहीं किया गया. बेटे की हालत बिगड़ती देख पूर्व सांसद उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर करीब डेढ़ घंटे तक चिकित्सकों से गुहार लगात रहे. लेकिन, मरीज को भर्ती नहीं किया गया. इसी बीच प्रकाश ने वहीं दम तोड़ दिया. बेटे की मौत के बाद नाराज पूर्व सांसद इमरजेंसी में धरने पर बैठ गए. प्रकरण के सुर्खियों में आने के बाद बाद एसजीपीजीआई के निदेशक ने जांच के आदेश दिए हैं. इस प्रकरण को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब बड़े लोगों के साथ ऐसा हो रहा है तो आम आदमी के इलाज की स्थिति को समझा जा सकता है. इमरजेंसी में बेड की संख्या बढ़ाने की भी जरूरत है.
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