लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने 31 मई को वाराणसी के ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग वाली याचिका सुनने लायक है या नहीं? इस पर फैसला दे दिया. उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी. हिंदू पक्ष की याचिका को सुनने लायक मानते हुए वाराणसी जिला अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील सौरभ तिवारी ने कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से न तो मस्जिद का चरित्र बदलेगा और नहीं हिन्दू पक्ष को नियमित पूजा करने का अधिकार मिला है. यह अधिकार तभी मिलेगा जब वाराणसी की जिला अदालत हिन्दुओं के पक्ष में फैसला सुनाती है. सौरभ तिवारी का कहना है कि हाइकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कि मां श्रृंगार गौरी की पूजा के अधिकार को लागू करने के लिए कहना एक ऐसा कार्य नहीं है जो ज्ञानवापी मस्जिद के चरित्र को मंदिर में बदल देता है.
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