सात दिन में मिला 39 करोड़ का राजस्व
जिला आबकारी अफसर आरके सिंह के मुताबिक बीते साल होली 18 मार्च को मनाई गई थी और मार्च के महीने में शराब की बिक्री से कुल राजस्व संग्रह 79 करोड़ रुपये रहा था. जबकि इस साल केवल 7 दिन में हमने 39 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है. सिंह के मुताबिक आबकारी विभाग ने होली से पहले के हफ्ते में बीते साल के शराब बिक्री के आंकड़ों को एकत्र नहीं किया था.
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बीयर से मिला आठ करोड़ का राजस्व
इस साल का डेटा यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि 1 मार्च से 7 मार्च के बीच 50% से अधिक राजस्व उत्पन्न हो चुका है, जो पिछले साल पूरे मार्च की तुलना में काफी बेहतर है. उन्होंने कहा कि 2022 में होली से पहले के सप्ताह की तुलना में इस वर्ष होली से पहले शराब की खपत 2.5 से 3 गुना के बीच हो सकती है. सिंह के मुताबिक इस साल 1 से 7 मार्च के बीच देशी शराब से एक्साइज विभाग को 13 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला है. वहीं IMLF की बिक्री से 18 करोड़ रुपये जबकि बीयर से 8 करोड़ रुपये राजस्व मिला है.
कानपुर में बिकी 50 करोड़ की शराब
होली पर कनपुरिये 50 करोड़ की शराब पी गए. कानपुर में सबसे अधिक देसी शराब की बिक्री हुई है. आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार पहले नंबर पर देशी शराब की ब्रिकी हुई है. वहीं दूसरे नंबर पर बीयर और तीसरे नंबर पर अंग्रेजी शराब की बिक्री हुई है. बताया जा रहा है कि होली में देसी शराब की बिक्री करीब 52.15 फीसदी रही है. बीयर 44 फीसदी से ज्यादा बिकी. जबकि तीसरे नंबर पर अंग्रेजी शराब की ब्रिक्री रही.