Kanpur Cantt Assembly Chunav: BJP के गढ़ में हार गए थे रघुनंदन सिंह, सतीश महाना की सल्तनत का वारिस कौन?

कानपुर शहर में कैंट विधानसभा सीट काफी अहम है. यह विधानसभा सीट सेना से घिरी हुई है. इस सीट पर 2017 में कांग्रेस के प्रत्याशी सोहेल अख्तर अंसारी ने बीजेपी के रघुनंदन सिंह भदौरिया को हराया था.

By Prabhat Khabar News Desk | January 29, 2022 1:55 PM
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Kanpur Cantt Vidhan Sabha Chunav: कानपुर शहर में कैंट विधानसभा सीट काफी अहम है. यह विधानसभा सीट सेना से घिरी हुई है. यहां पर सेना की छावनी है. सेना की कई यूनिट इसी क्षेत्र में है. इसके अलावा यहां पर गोला और मस्कर घाट भी है. इस विधानसभा में कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन भी आता है. इस विधानसभा सीट पर 2017 में कांग्रेस के प्रत्याशी सोहेल अख्तर अंसारी ने बीजेपी के रघुनंदन सिंह भदौरिया को हराया था. मोदी लहर के बावजूद 2017 में 2012 के विजेता चुनाव नहीं जीते सके थे. कानपुर कैंट विधानसभा सीट पर 20 फरवरी को मतदान है.

कानपुर कैंट का सियासी इतिहास

  • 2017- सोहेल अख्तर अंसारी- कांग्रेस

  • 2012- रघुनंदन सिंह भदौरिया- भाजपा

  • 2007, 2002, 1996, 1993, 1991- सतीश महाना- भाजपा

  • 1989- गणेश दीक्षित- जेडी

  • 1985- पशुपति नाथ- कांग्रेस

  • 1980- बहादुर नारायण मिश्रा- इंक (आई)

  • 1977- बाबूराम शुक्ला- जेएनपी

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कानपुर कैंट के मौजूदा विधायक

  • मोदी लहर के बावजूद 2017 में भाजपा के रघुनंदन सिंह भदौरिया को कांग्रेस के सोहेल अख्तर अंसारी हराने में सफल हो गए थे. सोहेल अख्तर की उम्र करीब 57 साल है. उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की है.

कानपुर कैंट के जातिगत समीकरण

  • मुस्लिम- 1.25लाख

  • एससी- 80 हजार

  • ब्राह्मण- 38 हजार

  • ओबीसी- 36 हजार

  • क्षत्रिय- 9 हजार

  • अन्य- 70 हजार

कानपुर कैंट सीट पर मतदाता

  • कुल मतदाता- 3,35,562

  • पुरुष- 1,86,838

  • महिला- 1,48,724

कानपुर कैंट की जनता के मुद्दे

  • साफ-सफाई, जल और सीवर की समस्या

  • युवाओं का रोजगार के लिए पलायन जारी

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