Lakhimpur Kheri Violence: 9 राउंड और 12 घंटे की पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा गिरफ्तार, भेजे गए जेल

Lakhimpur Kheri violence News: पुलिस सूत्रों के मुताबिक आशीष मिश्रा ने पूछताछ के दौरान गलत जवाब दिया और जांच में सहयोग नहीं किया. पुलिस ने आशीष मिश्रा से लखीमपुर केस में करीब 40 से अधिक सवाल पूछे.

By Prabhat Khabar News Desk | October 10, 2021 8:41 AM
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यूपी पुलिस ने लखीमपुर खीरी केस में 12 घंटे के लंबी पूछताछ के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है. यूपी पुलिस के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आशीष मिश्रा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि एसआईटी आशीष मिश्रा के जवाब से संतुष्ट नहीं थी. वहीं गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने देर रात उन्हें जेल भेज दिया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक आशीष मिश्रा ने पूछताछ के दौरान गलत जवाब दिया और जांच में सहयोग नहीं किया. पुलिस ने आशीष मिश्रा से लखीमपुर केस में करीब 40 से अधिक सवाल पूछे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं मीडिया से बात करते हुए डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए गिरफ्तार किया गया है. हालांकि बाद में उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

12 घंटे में पूछा गया ये सवाल- सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की टीम ने घटना के वक्त आशीष मिश्रा को उनके लोकेशन के बारे में पूछा. बताया जा रहा है कि आशीष मिश्रा ने एसआईटी की टीम को कई सवालों के जवाब नहीं दिए. वहीं एसआईटी ने करीब 9 राउंड तक पूछताछ की. आशीष मिश्रा पर आईपीसी की 302, 120बी सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

गृह राज्य मंत्री ने बताया था बेटे को निर्दोष– इससे पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है और वे पुलिस के सभी सवालों का जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि आशीष जांच में पूरी तरह सहयोग करेंगे.

बता दें कि जगजीत सिंह की तहरीर पर 4 अक्टूबर को तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल से वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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