लखनऊ की ऐतिहासिक छलांग, स्वच्छता में पहुंचा टॉप-3 में, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

Lucknow News: राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में लखनऊ ने 44वें स्थान से छलांग लगाकर देश में तीसरा स्थान हासिल किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लखनऊ समेत यूपी के पांच शहरों को सम्मानित किया. प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा और गौतमबुद्ध नगर को भी विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार मिला.

By Abhishek Singh | July 17, 2025 3:31 PM
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Lucknow News: स्वच्छता के मामले में लखनऊ ने इस बार देशभर में अपना लोहा मनवाया है. वर्ष 2023 में जहां लखनऊ का स्थान 44वां था, वहीं 2024 की रैंकिंग में लखनऊ सीधे तीसरे स्थान पर पहुंच गया. यह सफलता नगर निगम की योजनाबद्ध सफाई व्यवस्था, जनता की सहभागिता, और प्रशासन की कड़ी निगरानी का परिणाम है. इस मौके पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में लखनऊ की महापौर, तत्कालीन नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, प्रमुख सचिव नगर विकास और नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने इस सम्मान को ग्रहण किया. यह उपलब्धि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात बन गई है और अन्य शहरों को प्रेरणा दे रही है.

प्रयागराज और गोरखपुर को विशेष श्रेणी में पुरस्कार

प्रयागराज को इस वर्ष “विशेष श्रेणी पुरस्कार” इसलिए दिया गया क्योंकि 2024 में आयोजित महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के आगमन के बावजूद शहर में सफाई व्यवस्था अत्यंत प्रभावशाली रही. घाटों से लेकर सड़कों तक हर जगह सफाई और स्वच्छता के मानकों को पूरी तरह निभाया गया. यह आयोजन देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया. वहीं, गोरखपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली के रूप में एक आदर्श शहर के तौर पर देखा गया है. यहां भी कचरा प्रबंधन, ड्रेनेज सिस्टम, सड़क सफाई और नागरिक सहभागिता के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य हुए हैं, जिसके चलते गोरखपुर को मिनिस्टीरियल अवार्ड से नवाजा गया है.

आगरा और गौतमबुद्ध नगर को भी राज्य स्तरीय सम्मान

आगरा, जो ऐतिहासिक और पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण शहर है, ने इस वर्ष सफाई और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार दिखाया. यहां नगर निगम द्वारा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, वेस्ट सेग्रिगेशन और पब्लिक अवेयरनेस कार्यक्रमों का असर देखा गया. इसके लिए आगरा को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया. गौतमबुद्ध नगर ने भी स्मार्ट सिटी और आधुनिक शहरी व्यवस्थाओं के कारण विशेष स्थान प्राप्त किया है. 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में इसे सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया. यहां स्मार्ट डस्टबिन, सफाई में तकनीक का प्रयोग और नागरिकों की भागीदारी प्रमुख रही.

इंदौर ने फिर रचा इतिहास, आठवीं बार नंबर-1

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इंदौर लगातार आठवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है. सुपर स्वच्छ लीग में इंदौर को सर्वाधिक अंक मिले. इंदौर नगर निगम द्वारा कचरे के पूर्ण निस्तारण, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, गीले-सूखे कचरे की अलग-अलग व्यवस्था और “जीरो डंपिंग” जैसे मॉडलों पर शानदार काम किया गया. दिल्ली में हुए राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में इस बार इंदौर नगर निगम की 18 सदस्यीय टीम ने हिस्सा लिया, जो पहले के मुकाबले छोटी थी, लेकिन उत्साह और ऊर्जा में कोई कमी नहीं थी. इंदौर का यह मॉडल अब देशभर के अन्य शहरों के लिए प्रेरणा बन चुका है.

राज्य की ओर से मंत्री और अधिकारी हुए शामिल

उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों को मिले इन पुरस्कारों को स्वीकार करने के लिए नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा और प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने खुद राष्ट्रपति भवन पहुंचकर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया. उनके साथ संबंधित शहरों के महापौर और नगर आयुक्त भी मौजूद रहे. यह समारोह न केवल सम्मान का अवसर था, बल्कि एक ऐसा मंच भी था जहां देशभर की शहरी सफाई रणनीतियों को साझा किया गया. इस मौके पर मिशन निदेशक रूपा मिश्रा द्वारा भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया कि लखनऊ जैसे शहरों की सफलता मिशन के उद्देश्यों को मजबूत करती है. उत्तर प्रदेश के लिए यह मौका था यह दिखाने का कि जब प्रशासन और जनता मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता.

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