लविवि: भगवान राम और अयोध्या के बारे में जानेंगे छात्र, प्राचीन भारतीय इतिहास के सिलेबस में शामिल होगा विषय

लखनऊ विश्वविद्यालय में प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व विभाग नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 में स्नातक के छात्रों को अयोध्या के इतिहास, भगवान श्रीराम और उनकी वंशावली के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाएगा.

By Sandeep kumar | April 18, 2023 8:15 AM
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Lucknow : लखनऊ विश्वविद्यालय में प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व विभाग नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 में स्नातक के छात्रों को अयोध्या के इतिहास, भगवान श्रीराम और उनकी वंशावली के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाएगा. वहीं अयोध्या के साथ भीमटेका, कालीबंगा और हस्तिनापुर जैसे अन्य प्राचीन स्थलों को भी शामिल किया गया है. अयोध्या के इतिहास को बीए (एनईपी) के चौथे सेमेस्टर के आठवें पेपर फील्ड आर्कियॉलजी की चौथी यूनिट में शामिल किया गया है.

अयोध्या यूपी का काफी प्राचीन नगर- प्रो. पीयूष भार्गव

विभाग के हेड प्रो. पीयूष भार्गव ने बताया कि अयोध्या यूपी का काफी प्राचीन नगर है, जिसका उल्लेख रामायण, महाभारत और पुराणों में मिलता है. पुराणों के अनुसार इस नगर को राजा मनु ने बसाया था. इसके बाद इक्ष्वाकु, दशरथ और भगवान श्रीराम आदि ने यहां शासन किया. प्रो. भार्गव का कहना है कि अयोध्या के राजाओं के इतिहास के साथ इस नगरी के महत्व और प्रासंगिकता को भी कोर्स में शामिल किया गया है. इसके अलावा अलग-अलग समय में यहां हुए उत्खनन में अलग-अलग कालों से संबंधित मृदभांड, मृण्मूर्तियां, पाषाण मूर्तियां, अभिलेख, मुहरें, मुद्रा छाप और सिक्कों के बारे में भी पढ़ाया जाएगा.

उत्खनन के मुताबिक अयोध्या का इतिहास तीन हजार साल पुराना

विभाग के शिक्षक डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि समय-समय हुए उत्खनन की रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या का इतिहास तीन हजार साल से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है. कोर्स में अलेक्जेंडर कनिंघम (फादर ऑफ इंडियन आर्कियॉलजी) द्वारा 1862-63 के आसपास करवाए गए सर्वे को भी शामिल किया गया है. 1889-91 के दौरान ए. फ्यूहरर ने भी अयोध्या का सर्वे किया था. इसके अलावा अन्य सर्वे और उत्खनन में सामने आए तथ्य, अयोध्या के तमाम नाम और चीनी यात्री फाह्यान इसे शा-ची के नाम से क्यों पुकारते थे, इसके बारे में भी पढ़ाया जाएगा.

कोर्स में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से साल 2002-03 में किए गए पुरातात्विक उत्खनन को भी शामिल किया गया है. इस उत्खनन में अभिलेख, मुहरे, विग्रह और सिक्के आदि मिले थे. इस उत्खनन और इसमें मिले पुरातात्विक अवशेषों ने राममंदिर के संबंध में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अलावा अयोध्या से जुड़े अन्य प्राचीन स्थल भीमबेटका, कालीबंगा और हस्तिनापुर की पुरातात्विक खोदाई को भी कोर्स में शामिल किया गया है.

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