मनकामेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागू: सावन 2025 से जींस, टॉप पर रोक, जानिए नए नियम

Mankameshwar Temple Dress Code: सावन 2025 से लखनऊ स्थित प्राचीन मनकामेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागू होगा. पुरुषों को धोती और महिलाओं को साड़ी या सलवार-सूट पहनकर ही पूजन-अभिषेक की अनुमति मिलेगी. जींस, टॉप, स्कर्ट जैसे कपड़ों पर रोक रहेगी. मंदिर प्रशासन निशुल्क धोती की व्यवस्था करेगा.

By Abhishek Singh | June 15, 2025 4:19 PM
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Mankameshwar Temple Dress Code: श्री मनकामेश्वर मंदिर प्रशासन ने सावन माह से मंदिर परिसर में पूजन-अभिषेक के दौरान ड्रेस कोड को अनिवार्य कर दिया है. यह नियम सभी श्रद्धालुओं के लिए लागू होगा, जिससे धार्मिक आस्था और परंपरा को बनाए रखा जा सके. मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, ऐसे में यह निर्णय पूरे श्रद्धा और अनुशासन के वातावरण को बनाए रखने के लिए लिया गया है.

मंदिर में अब धोती-साड़ी पहनकर ही होगा पूजन

अब कोई भी भक्त मंदिर में जींस, पैंट, टी-शर्ट या स्कर्ट जैसे आधुनिक कपड़े पहनकर पूजन नहीं कर सकेगा. पुरुषों को धोती पहननी होगी, जिसे वह कुर्ता या शर्ट के साथ पहन सकते हैं. वहीं महिलाओं को साड़ी या सलवार सूट में ही पूजा करने की अनुमति होगी. मंदिर प्रशासन ने यह फैसला धार्मिक अनुशासन और पूजा की गरिमा बनाए रखने के उद्देश्य से लिया है.

धार्मिक मर्यादा के अनुरूप फैसला

मंदिर के महंत ब्रह्मचारी श्रीधरानंद महाराज ने बताया कि धार्मिक दृष्टिकोण से पूजा-अर्चना करते समय पारंपरिक वस्त्र पहनना आवश्यक होता है. धोती एक बिना सिला हुआ वस्त्र है, जिसे शुद्ध और पवित्र माना गया है. धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है कि बिना सिले कपड़ों में ही देवता की आराधना करनी चाहिए. इसी आधार पर यह व्यवस्था लागू की जा रही है ताकि भक्त परंपरागत नियमों के अनुसार पूजन कर सकें.

11 जुलाई से सावन में होगा नियम लागू

यह नया नियम 11 जुलाई से लागू होगा, जब सावन माह की शुरुआत होगी. सावन भगवान शिव को समर्पित महीना होता है और इस दौरान भक्त बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं. प्रशासन चाहता है कि इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालु धार्मिक मर्यादा और शुद्धता के साथ पूजन करें. सभी पुजारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे ड्रेस कोड का पूरी सख्ती से पालन कराएं और किसी भी उल्लंघन पर रोक लगाएं.

नहीं है धोती? मंदिर प्रशासन देगा निशुल्क

अगर कोई भक्त धोती पहनकर मंदिर नहीं पहुंचता है, तो उसे वापस नहीं लौटना पड़ेगा. मंदिर प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है कि ऐसे श्रद्धालुओं को निशुल्क धोती प्रदान की जाएगी। यह धोती पूजन के लिए दी जाएगी और पूजन के बाद उसे वापस करना होगा. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि किसी को पूजा से वंचित न होना पड़े और धार्मिक नियमों का पालन भी सुनिश्चित हो सके.

भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है मनकामेश्वर

श्री मनकामेश्वर मंदिर लखनऊ का एक अति प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर है. यहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजन के लिए आते हैं, खासकर सोमवार को भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं. सावन में यह संख्या कई गुना बढ़ जाती है. मान्यता है कि यहां विधिपूर्वक और श्रद्धा से की गई पूजा भगवान शिव को अतिप्रिय होती है और इससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही कारण है कि मंदिर प्रशासन पूजन की पवित्रता बनाए रखने के लिए लगातार नियमों में सुधार कर रहा है.

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