PRAYAGRAJ NEWS: प्रयागराज के यमुनापार क्षेत्र में स्थित औद्योगिक थाने में मंगलवार को भारी हंगामा देखने को मिला, जहां 200 से ज्यादा वकील पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजयराज सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में इकट्ठा हो गए. सोमवार रात टोल प्लाजा पर हुए विवाद के बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ अधिवक्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है.
बिना FIR गिरफ्तारी पर वकीलों का विरोध
वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने विजयराज सिंह और उनके तीन साथियों को बिना कोई FIR दर्ज किए हिरासत में ले लिया. अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि कोई अपराध हुआ है तो पुलिस उसे लिखित में दर्ज करे और फिर कानूनी कार्रवाई करे. लेकिन बिना अपराध के किसी को भी लॉकअप में रखना कानून का उल्लंघन है.
सीसीटीवी फुटेज देखने की मांग
वकीलों की मांग है कि टोल प्लाजा की सीसीटीवी फुटेज को देखा जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि असल में वहां क्या हुआ था. उनका कहना है कि पुलिस ने स्थिति को संभालने के बजाय लाठीचार्ज किया और जो लोग बीच-बचाव करने पहुंचे, उन्हीं को हिरासत में ले लिया गया.
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
यह पूरा मामला सोमवार रात करीब 10 बजे का है, जब औद्योगिक थाना क्षेत्र के मुंगारी टोल प्लाजा पर टोल टैक्स को लेकर कुछ लोगों और टोल कर्मचारियों के बीच कहासुनी हो गई. देखते ही देखते मामला बढ़ गया और मारपीट शुरू हो गई. मौके पर पहुंचे पुलिस चौकी प्रभारी सुरेंद्र प्रताप यादव ने झगड़ते लोगों पर लाठियां चला दीं। भीड़ जमा हो गई और हंगामा बढ़ने लगा.
विजयराज सिंह बीच-बचाव को पहुंचे, पुलिस ने किया गिरफ्तार
हंगामे की खबर मिलते ही पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजयराज सिंह अपने समर्थकों के साथ टोल प्लाजा पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास करने लगे. इसी दौरान उनकी पुलिस से कहासुनी हो गई. आरोप है कि चौकी प्रभारी ने उन्हें धमकाया और हिरासत में लेकर थाने ले गए.
वकीलों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
थाने पर मौजूद अधिवक्ता सौरभ सिंह ने कहा कि पुलिस ने विजयराज सिंह और उनके साथियों के साथ अभद्रता की, यहां तक कि उन्हें पिस्तौल दिखाकर धमकाया गया. वकील हिमांशु मिश्रा ने पुलिस पर वर्दी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है.
पुलिस और वकीलों के बीच तीखी नोकझोंक
घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधिकारी स्थिति को संभालने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वकीलों और अधिकारियों के बीच तीखी बहस और नोकझोंक भी हुई है. अधिवक्ता थाने के बाहर ही डटे हुए हैं और गिरफ्तारी वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं.
पूर्व सांसद रेवती रमण सिंह ने किया समर्थन
घटना की गंभीरता को देखते हुए पूर्व सांसद रेवती रमण सिंह भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में पुलिस की तानाशाही बढ़ रही है. अधिवक्ताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो वास्तव में दोषी है, उसी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और निर्दोषों को तत्काल रिहा किया जाए.
वकीलों की चेतावनी- गिरफ्तारी नहीं छोड़ी तो होगा बड़ा आंदोलन
वकीलों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही पूर्व ब्लॉक प्रमुख और उनके साथियों को रिहा नहीं किया गया तो वे सड़क पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करेंगे. पूरे वकील समाज को एकजुट कर जिलेभर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
पुलिस की कार्यशैली पर खड़े हुए सवाल
प्रयागराज में वकीलों और पुलिस के बीच टकराव अब एक गंभीर रूप ले चुका है. पूर्व ब्लॉक प्रमुख की गिरफ्तारी ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को किस दिशा में लेकर जाता है और क्या वकीलों की मांगें मानी जाएंगी या संघर्ष और तेज होगा.
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