प्रयागराज: मां गंगा ने आज हनुमान जी को करवाया पावन स्नान, जानिए हर साल क्यों आता है ये चमत्कारी दिन?

Prayagraj News: प्रयागराज के बंधवा हनुमान मंदिर में आज मां गंगा ने श्री हनुमान जी को पावन स्नान कराया. यह चमत्कारी दृश्य हर साल एक दिन देखने को मिलता है. मान्यता है कि लंका विजय के बाद हनुमान जी यहां विश्राम करते हैं और मां गंगा उन्हें स्वयं स्नान कराती हैं.

By Abhishek Singh | July 15, 2025 5:01 PM
an image

Prayagraj News: प्रयागराज के श्री बड़े हनुमान मंदिर में मंगलवार को वह अलौकिक दृश्य देखा गया, जिसका इंतजार हर भक्त सालभर करता है. दोपहर में गंगा नदी का जल धीरे-धीरे बढ़ता हुआ मंदिर परिसर में पहुंचा और लेटे हुए हनुमान जी की मूर्ति तक आ गया. मान्यता है कि गंगा मैया स्वयं हनुमान जी को स्नान कराने आती हैं. जैसे ही गंगाजल मूर्ति से स्पर्श हुआ, वहां मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ स्वागत किया और माहौल पूरी तरह आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा.

2 बजकर 15 मिनट पर गंगा माँ का मंदिर में प्रवेश

दोपहर ठीक 2:15 बजे गंगा का प्रवाह श्री बड़े हनुमान मंदिर में पहुंचा. श्रद्धालुओं की निगाहें इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रही थीं. जैसे ही गंगाजल हनुमान जी तक पहुंचा, भक्तों की भावनाएं उमड़ पड़ीं और कई लोगों की आंखें श्रद्धा से नम हो गईं. यह क्षण बेहद पावन और दुर्लभ माना जाता है क्योंकि हनुमान जी को स्वयं माँ गंगा स्नान कराती हैं. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और हर साल इसी समय गंगा का जल मंदिर तक पहुंचता है.

विशेष आरती से हुआ मां गंगा का स्वागत

गंगा मैया के मंदिर में प्रवेश करते ही माहौल जयकारों और भक्ति संगीत से गूंज उठा. महंत बलवीर गिरि ने विधि-विधान से विशेष आरती कर मां गंगा का स्वागत किया. आरती के समय ढोल-नगाड़ों और शंखनाद से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा. श्रद्धालु घंटों से इस पल के लिए एकत्र थे और जैसे ही मां गंगा मंदिर में पहुंचीं, हर किसी की श्रद्धा झूम उठी. फूलों से सजाए गए मंदिर परिसर में भक्तों ने दीप जलाए और मां गंगा की महिमा का गुणगान किया.

कॉरिडोर बनने के बाद पहला दिव्य संगम

श्री बड़े हनुमान मंदिर में हाल ही में बनाए गए कॉरिडोर के बाद यह पहला मौका था जब मां गंगा ने मंदिर में प्रवेश किया. पहले की तुलना में अब रास्ता ज्यादा सुगम और सुरक्षित हो गया है, जिससे भक्तों को भी दर्शन का बेहतर अनुभव मिला. मंदिर प्रशासन ने इस बार आयोजन को भव्य रूप दिया था और श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे. यह पहला संगम एक ऐतिहासिक पल बन गया, जिसे देखने के लिए न केवल प्रयागराज बल्कि अन्य जिलों से भी लोग आए थे.

हर साल सिर्फ एक दिन आता है यह दुर्लभ अवसर

यह घटना हर साल सिर्फ एक बार होती है और इसे एक चमत्कारी संयोग माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा मईया स्वयं इस दिन श्री हनुमान जी को स्नान कराने आती हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो यह समय गंगा के जलस्तर के बढ़ने का होता है, लेकिन आस्था की नजर से यह एक दैवी कृपा है. इस चमत्कार को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु प्रयागराज आते हैं. यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है और आज भी लोगों के मन में इसकी विशेष मान्यता है.

लंका विजय के बाद हनुमान जी यहीं विश्राम को लेटे थे, तबसे शुरू हुई परंपरा

पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब हनुमान जी ने लंका विजय में रामजी की सहायता कर राक्षसों का विनाश किया, तो वे थककर प्रयागराज के संगम तट पर आकर लेट गए थे. तभी से यह स्थान पवित्र माना जाने लगा। धार्मिक विश्वास है कि उसी दिन से मां गंगा साल में एक बार हनुमान जी को स्नान कराने आती हैं. माना जाता है कि इस स्नान से न केवल क्षेत्र की बल्कि पूरे विश्व की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-शांति की स्थापना होती है. यही कारण है कि इस दिन को लेकर श्रद्धालुओं में गहरी आस्था और उत्साह देखने को मिलता है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां प्रयागराज न्यूज़ (Prayagraj News) , प्रयागराज हिंदी समाचार (Prayagraj News in Hindi), ताज़ा प्रयागराज समाचार (Latest Prayagraj Samachar), प्रयागराज पॉलिटिक्स न्यूज़ (Prayagraj Politics News), प्रयागराज एजुकेशन न्यूज़ (Prayagraj Education News), प्रयागराज मौसम न्यूज़ (Prayagraj Weather News) और प्रयागराज क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version