अधिकारियों ने बताया कि डोडा जिले में मल्लन-डेसा निवासी फिरदौस अहमद (13) का शव मंगलवार सुबह कुंड नाले से मिला. उन्होंने बताया कि वह नाला पार कर रहा था तभी तेज धार में बह गया. अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य घटना में, रामबन जिले के करूल इलाके में एक पहाड़ी से लुढ़कते पत्थर की चपेट में आने के बाद करूल निवासी याकूद मीर (13) नदी में गिर गया. मीर का शव बरामद कर लिया गया है. पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर के बड़े हिस्से में भारी बारिश हो रही है, जिससे कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और जलाशयों का जल स्तर बढ़ गया है. इससे पहले किश्तवाड़ और रामबन जिलों में कम से कम दो दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे.
अधिकारियों ने बताया कि पुंछ जिले में चार स्कूली बच्चों और दो महिलाओं को स्थानीय लोगों ने सोमवार शाम को मेंढर क्षेत्र के कलार मोडा ओडा गांव में तब बचाया जब वे एक नाले को पार करते समय अचानक उसके उफना जाने से फंस गए थे. उन्होंने बताया कि मंगलवार को मौसम में सुधार आया है और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए शुरू करने का काम तेज कर दिया गया है. हालांकि, राजमार्ग अभी भी वाहनों के लिए बंद है. राजमार्ग को मेहर, पंथियाल, मौम पासी और किश्तवारी पथेर सहित कई स्थानों पर भूस्खलन और चट्टान गिरने की वजह से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है.
दक्षिण एशिया में सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश का पूर्वानुमान
इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून के मौसम में दक्षिण एशिया के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है. साउथ एशियन क्लाइमेट आउटलुक फोरम (एसएएससीओएफ) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. यह पूर्वानुमान अगस्त-सितंबर तक अनुकूल ला नीना स्थितियों के कारण भारत में मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी के अनुरूप है.एसएएससीओएफ ने कहा, ‘‘2024 के दक्षिण पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) के मौसम में दक्षिण एशिया के उत्तरी, पूर्वी और उत्तर पूर्वी हिस्सों में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर दक्षिण एशिया के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की अत्यधिक संभावना है.
इस मौसम के दौरान दक्षिण एशिया के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है. इसमें क्षेत्र के दक्षिण-पूर्वी भाग के कुछ हिस्से शामिल नहीं हैं जहां सामान्य तापमान होने की सबसे अधिक संभावना है. एसएएससीओएफ ने कहा कि इस समय अल नीनो की मध्यम स्थिति बन रही हैं. मानसून के पहले आधे हिस्से में ‘अल नीनो-सदर्न ओशिलेशन’ की तटस्थ स्थितियां बन सकती हैं. इसके बाद दूसरे अर्द्धांश में अल नीना के हालात बन सकते हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत में मानसून के मौसम में बारिश सामान्य से अधिक रह सकती है.
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