मालूम हो कि वर्ष 2016 में आसनसोल साइबर क्राइम थाना में ऑनलाइन ठगी के 22 मामले, वर्ष 2017 में 32 मामले, वर्ष 2018 में 7 मामले, वर्ष 2019 में 13 मामले और वर्ष 2020 में 22 अगस्त तक कुल 19 मामले दर्ज हुए हैं. कमिश्नरेट पुलिस अपने इलाके के नागरिकों को ऑनलाइन ठगी से बचाने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रही है. इसके बावजूद लोग ठगों के चंगुल में फंसकर अपने बैंक खातों में जमा पूंजी गवां दे रहे हैं.
कैसे ठग फंसाते हैं अपना शिकार
फर्जी बैंक अधिकारी बनकर एटीएम की गोपनीय जानकारी हासिल करना, एटीएम कार्ड बदल कर ठगी करना, एलआईसी या इंश्योरेंस अधिकारी बनकर ठगी करना, फेसबुक फ्रेंड बनकर गिफ्ट भेज कर उसे छुड़ाने के नाम पर, नौकरी लगाने के नाम पर, मोबाइल फोन का टॉवर लगाने के नाम पर, सिमकार्ड अपडेट करने के नाम पर, केवाईसी अपडेट करने के नाम पर, फर्जी लिंक भेजकर, रिवार्ड का झांसा देकर, लॉटरी जीतने का झांसा देकर, फौजी बनकर सामान खरीदने के नाम पर आदि विभिन्न प्रकार का प्रलोभन और झांसा देकर ऑनलाइन ठग लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. पुलिस, बैंक, विभिन्न संस्थाएं लोगों को ठगों के चंगुल से बचाने के लिए बराबर जागरूकता अभियान चला रहे हैं.
Also Read: बाइक में मिला कार का नंबर, अंतरराज्यीय चोर गिरोह का पुलिस ने किया खुलासा, 13 बाइक बरामद
ठगी होने पर तत्काल दें पुलिस को सूचना
ठगी होने पर तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें. बैंक में जाकर अपना खाता बंद कराएं. बैंक से आरआर नंबर और पैसा जहां गया है उसकी जानकारी पुलिस से साझा करें. ठगी की गयी राशि यदि किसी वॉलेट में होगी, तो मिलने में आसानी होगी. शिकायत जितनी जल्द होगी, ठगी की राशि मिलने की संभावना उतनी ज्यादा होगी.
मोबाइल में ठगी से बचने का रिंगटोन
कोरोना काल में सभी के मोबाइल में कोरोना से बचने के सरकारी नियमों का रिंगटोन डाल दिया गया था. ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामले को देखते हुए कोरोना की जगह अब ऑनलाइन ठगी से बचने के नियमों को डाल दिया गया. किसी को फोन करते ही रिंगटोन की जगह ठगी से बचने का नियम बताया जा रहा है.
क्या न करें
पुलिस आयुक्त श्री जैन ने कहा कि किसी एप या सोशल साइट पर अपना डिटेल्स, बैंकिंग पासवर्ड या ओटीपी नंबर नहीं डालें. किसी को भी यूपीआई नंबर, डेविड एवं क्रेडिड कार्ड का सीवीवी, कार्ड का एक्सपायर डेट, एटीएम पिन, बैंक अकाउंट नंबर, ओटीपी आदि साझा न करें. किसी कॉलर के कहने पर मोबाइल फोन पर कोई भी एप डाउनलोड न करें. कोई भी वित्तीय संस्थान से कभी भी अपने ग्राहक का डिटेल्स नहीं मांगती है. इन मुद्दों पर जागरूक होने से यह ऑनलाइन ठगी का अपराध जड़ से समाप्त हो जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.