अवैध खटालों और मवेशियों से बढ़ रही समस्याए, पुलिस और नगर निगम एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
मवेशियों के कारण सड़क दुर्घटनाओं और जाम की स्थिति आम बात हो गयी है. लोगों का आरोप है कि जैसे-जैसे सड़कें बढ़ रही हैं, सड़कों पर मवेशियों की संख्या भी बढ़ रही है. मवेशियों के कारण एक के बाद एक सड़क दुर्घटनाएं होने के बावजूद, पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. वहीं, पुलिस प्रशासन का कहना है कि यह काम नगर निगम का है और निगम कोई कदम उठाने में विफल रही है.
स्थानीय और पुलिस सूत्रों के अनुसार, दुर्गापुर के वार्ड 43 में लगभग 1,000 अवैध खटाल हैं, जो सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर रहे हैं. अधिकांश खटाल व्यवसायी दूसरे राज्यों से आए हैं और सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर व्यवसाय स्थापित किया है. इतनी बड़ी संख्या में खटाल में गायों और भैंसों द्वारा उत्पादित दूध शहर के लोगों की जरूरतों से अधिक है. खटाल मालिकों ने दूध से कच्चे मक्खन को अलग करने के लिए इलाके में मशीनें लगायीं हैं. वे उस मक्खन को प्रसिद्ध डेयरी खाद्य कंपनियों को बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं. स्थानीय निवासी देवव्रत साहा ने कहा कि अगर पुलिस प्रशासन सख्त कदम उठाये तो सड़क पर घूम रहे मवेशियों पर रोक लग सकती है.
नगर निगम और पुलिस का रुख
इस बारे में नगर निगम के प्रशासक मंडली सदस्य राखी तिवारी ने कहा कि निगम की ओर से सर्वेक्षण किया गया है, जिसके अनुसार शहर में लगभग 800 मवेशी शेड बन गये हैं. इस वजह से सड़कों पर मवेशियों की संख्या बढ़ रही है. इनमें से ज्यादातर दुर्गापुर स्टील प्लांट (डीएसपी) की जमीन पर हैं, इसलिए निगम सीधे कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है. उन्होंने बताया कि इस बारे में ट्रैफिक और डीएसपी अधिकारियों से बात कर कार्रवाई की जायेगी.
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