सुसाइड नोट में पांच लोगों को बताया जिम्मेवार, पुलिस कर रही पूछताछ
आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के रासडांगा सुमथपल्ली इलाके के निवासी अरविंद दास और उनकी मां पूर्व शिक्षक जूथिका दास को पुलिस ने गंभीर हालत में सोमवार रात को उनके घर से बरामद करके आसनसोल जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने जूथिका को मृत करार दिया और अरविंद का इलाज शुरू कर दिया.
By AMIT KUMAR | July 15, 2025 9:36 PM
आसनसोल.
आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र के रासडांगा सुमथपल्ली इलाके के निवासी अरविंद दास और उनकी मां पूर्व शिक्षक जूथिका दास को पुलिस ने गंभीर हालत में सोमवार रात को उनके घर से बरामद करके आसनसोल जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने जूथिका को मृत करार दिया और अरविंद का इलाज शुरू कर दिया. प्राथमिक जांच में यह पुष्टि हुई है कि अरविंद भारी कर्ज में डूबा था. कर्जदाता पैसा वापसी का दबाव बना रहे थे, जिससे परेशान होकर मां, बेटे ने एक साथ सुसाइड करने का प्लान बनाया. एक कागज में सुसाइड नोट लिखा और सोमवार रात 8:40 बजे उस नोट का फोटो लेकर अपने एक दोस्त को भेज दिया. दोस्त ने इस सुसाइड नोट को अपने अन्य साथी को फॉरवर्ड कर दिया. वह तुरंत इस नोट को लेकर आसनसोल साउथ थाना में पहुंचा और पुलिस को दिखाया. फिर पुलिस अरविंद के घर पर पहुंची और दरवाजा तोड़ कर अंदर दाखिल हुई. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने बताया कि घर के अंदर बेड पर मां, बेटे व फ्लोर पर तीन पालतू कुत्ते अचेत पड़े थे. मां, बेटे दोनों की कलाई की नसें कटी हुई थीं. तुरंत दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने मां को मृत करार दिया और बेटे का इलाज शुरू कर दिया. अरविंद अभी स्वस्थ है. वेटरिनरी चिकित्सक ने तीनों पालतू जानवरों को मृत घोषित किया. इन तीनों का जानवरों का पोस्टमार्टम वेट चिकित्सकों की टीम ने आकर किया. एफएसएल टीम को जांच करने के लिए बुलाया गया. अरविंद के एक परिचित की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज हुई. सूत्रों के अनुसार पुलिस ने कर्ज देनेवाले पांच लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज करके जांच शुरू की है. सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) श्री दास, सहायक पुलिस आयुक्त (सेंट्रल) विश्वजीत नस्कर व अन्य अधिकारी सुबह घटनास्थल का निरीक्षण किया.
आत्महत्या के लिए कार्बोलिक एसिड पीने के साथ काटी थी हाथ की नसें
सुसाइड नोट ने बचा ली अरविंद की जान, पर मां नहीं बच सकी
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