अपने हक की लड़ाई से पीछे हट रहे उपभोक्ता

पश्चिम बर्दवान जिला बनने के आठ साल बाद भी यहां के नागरिकों को जिला कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन (जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग) की सुविधा नहीं मिली है, जिसके कारण अपने अधिकारों को लेकर जागरूक होने के बाद भी उपभोक्ता अपनी हक की लड़ाई लड़ने से पीछे हट जा रहे हैं. उपभोक्ता मामलों से जुड़े विवादों को लेकर अभी भी यहां के नागरिकों को पुर्व बर्दवान जिला में जाना पड़ता है.

By AMIT KUMAR | June 2, 2025 9:28 PM
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आसनसोल.

पश्चिम बर्दवान जिला बनने के आठ साल बाद भी यहां के नागरिकों को जिला कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन (जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग) की सुविधा नहीं मिली है, जिसके कारण अपने अधिकारों को लेकर जागरूक होने के बाद भी उपभोक्ता अपनी हक की लड़ाई लड़ने से पीछे हट जा रहे हैं. उपभोक्ता मामलों से जुड़े विवादों को लेकर अभी भी यहां के नागरिकों को पुर्व बर्दवान जिला में जाना पड़ता है. पूर्व बर्दवान में स्थित कंज्यूमर कमीशन में जाने से समय और पैसे की बर्बादी के डर से लोग समस्या से एडजस्ट कर लेते हैं, जिसका सीधा लाभ विक्रेता और सेवा प्रदाता संस्थाओं को मिल रहा है. वे अपने ग्राहकों को सही परिसेवा नहीं देकर भी मजे में हैं कि उनके खिलाफ कोई कुछ नहीं कर रहा है. जिससे आम जनता की परेशानी बढ़ती जा रही है.

पूर्व बर्दवान जाने के डर से जिला के लोग कंज्यूमर कमीशन ने नहीं करते शिकायत

बॉश वाशिंग मशीन की सर्विस से तंग उपभोक्ता ने भेजा लीगल नोटिस

पूर्व बर्दवान जिला कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन के मीडियेटर श्री चट्टोपाध्यय ने बताया कि रूपनारायणपुर इलाके के निवासी एसएस ठाकुर बॉश कंपनी का ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन खरीदा था. वे कंपनी के आफ्टर सेल सर्विस के दावे से प्रभावित होकर ही बॉश का वाशिंग मशीन लिया. उनके मशीन का मोटर खराब हो गया. अगस्त 2024 में शिकायत की थी, अब कंपनी ने उनका मशीन ठीक नहीं करवाया है. अनेकों बार फोन पर बातचीत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने पर कंपनी को कानूनी नोटिस भेजा गया. इसके बाद संपर्क किया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. अब इस मामले को कंज्यूमर कमीशन में शिकायत करनी है. अब इसके लिए बर्दवान जाना होगा बोलकर अड़चन आ रही है. ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या लाखों में हो सकती है. बढ़ते ऑनलाइन खरीदारी में सर्विस की सुविधा सही तरीके से ग्राहकों मिलना एक चुनौती बनी हुई है. ऐसे में कंज्यूमर कमीशन ही उपभोक्ता को राहत दे सकता है.

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