आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के रेलपार ओके रोड इलाके के निवासी एनामुद्दीन शहीदी को लूटा बीते 25 दिनों के अंदर साइबर कपटियों ने तीन मामलों में 7.78 करोड़ रुपये लूटे, एडीपीसी के इतिहास में सबसे बड़ी रकम की हुई ठगी आसनसोल. साइबर अपराधियों का तांडव बरकरार है. पिछले 25 दिनों के अंदर तीन कांड में 7.78 करोड़ रुपये की ठगी करके एडीपीसी के इतिहास का नया रिकॉर्ड कायम कर दिया. पिछले आठ वर्षों में जितनी रकम ठगी नहीं हुई उतनी रकम तीन कांड में हो गयी. शुक्रवार को डिजिटल अरेस्ट का एक नया मामला सामने आया, जिसमें पीड़ित एक दिन ही डिजिटल अरेस्ट रहकर 10.57 लाख रुपये गंवाने के बाद समझ गया कि वह साइबर अपराधियों के चंगुल में है. जिसके बाद वह उन्हें चंगुल से निकल गया और शुक्रवार को साइबर क्राइम थाने में आकर शिकायत दर्ज करायी. शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाने में कांड संख्या 52/25 में बीएनएस की धारा 308(6)/316(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340 (2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है. श्री शहीदी ने अपनी शिकायत में बताया कि 30 जून 2025 को उनके मोबाइल फोन पर 9259364542 नम्बर से कॉल आया. कॉल करनेवाले ने खुद को दूरसंचार विभाग का कर्मी बताया और कहा कि मुंबई में 9839768051 नम्बर का एक सिमकार्ड जारी हुआ है और केनरा बैंक में एक अकाउंट खोला गया है जिसमें उनके आधार कार्ड का उपयोग किया गया है. इस खाते में 2.5 लाख रुपये का लेनदेन किया गया है. उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराध में शामिल होने का डर दिखाया गया. सर्वोच्च न्यायालय और सीबीआइ का फर्जी नोटिस भेजा गया. जिसमें कहा गया कि राष्ट्रीय हित के लिए इस मामले को फिलहाल गोपनीय रखना है और चेतावनी भी दी गयी कि दोषी पाए जाने पर पांच साल की कैद तथा सारी संपत्ति जब्त हो जाएगी. उन्हें व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल और सामान्य कॉल के जरिये 24सों घंटे निगरानी में रखा गया. बैंक का सारा डिटेल्स लेते थे. श्री शहीदी अत्यधिक डर और मनोविज्ञानी तनाव में अपने दो बैंकों से क्रमशः 7.30 लाख तथा 3.27 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिये भेजा. पैसा भेजने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि वे अपराधियों के चंगुल में हैं. जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम थाना में की.
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