यूट्यूब पर हाथ की अनोखी कला से जलवा बिखेर रहे हैं सिंटू कुमार
आसनसोल रेलवे ट्रैफिक कॉलोनी के रहने वाले ग्रेजुएशन के छात्र सिंटू कुमार अपनी अनोखी कला से यूट्यूब पर तेजी से मशहूर हो रहे हैं. बचपन से पेंटिंग और आर्ट में रुचि रखने वाले सिंटू ने अपनी कला को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उतारा और देखते ही देखते लाखों लोगों के बीच छा गये.
आसनसोल.
आसनसोल रेलवे ट्रैफिक कॉलोनी के रहने वाले ग्रेजुएशन के छात्र सिंटू कुमार अपनी अनोखी कला से यूट्यूब पर तेजी से मशहूर हो रहे हैं. बचपन से पेंटिंग और आर्ट में रुचि रखने वाले सिंटू ने अपनी कला को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उतारा और देखते ही देखते लाखों लोगों के बीच छा गये. उनके बनाए देवी-देवताओं की मूर्तियां और कलाकृतियां सोशल मीडिया पर खूब पसंद की जा रही हैं.कैसे हुई शुरुआत?
सिंटू कुमार के मुताबिक, उन्हें बचपन से ही पेंटिंग और आर्ट का शौक था. स्कूल और अन्य प्रतियोगिताओं में वे हमेशा भाग लेते और बेहतरीन कृतियां बनाकर पुरस्कार जीतते. ग्रेजुएशन के दौरान घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने 2018 में यूट्यूब पर अपना चैनल बनाया. जियो के मुफ्त इंटरनेट का फायदा उठाकर उन्होंने अपनी कला को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत करना शुरू किया.गणेश मूर्ति से मिली पहचान
सिंटू ने बच्चों के खेलने वाले क्ले से पहली बार गणेश जी की मूर्ति बनायी और यूट्यूब पर अपलोड कर दी. उनकी यह मूर्ति 3 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखी और खूब सराहा. इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक 400 से अधिक मूर्तियां और कलाकृतियां बनायीं, जिनमें राधा-कृष्ण, दुर्गा मां, काली मां, शिव-पार्वती आदि की मूर्तियां शामिल हैं.यूट्यूब पर धमाल
सिंटू के यूट्यूब चैनल पर अब तक 29 करोड़ व्यूज आ चुके हैं और 15 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. उनकी कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिल रही है. यूट्यूब की ओर से उन्हें सिल्वर और गोल्डन प्ले बटन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.बिक्री नहीं, कला को दिया नया रूप
सिंटू कुमार ने बताया कि वे अपनी बनाई कलाकृतियों को बेचते नहीं हैं, बल्कि अपने घर में एक आर्ट गैलरी बनाकर उन्हें सहेज कर रखते हैं. कई लोगों ने उनकी कलाकृतियां खरीदने के लिए ऑफर दिए, लेकिन उन्होंने कला को व्यापार से दूर रखा. रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारी उनके घर आकर उनकी कला को देखकर सराहना कर चुके हैं.युवाओं को सिखाना चाहते हैं कला
सिंटू ने इच्छा जताई कि यदि रेलवे प्रशासन उन्हें कोई स्थान उपलब्ध कराए, तो वे रेल कर्मचारियों के बच्चों को आर्ट और क्राफ्ट सिखाना चाहेंगे. वे चाहते हैं कि उनकी तरह अन्य बच्चे भी अपनी कला को निखारकर आगे बढ़ें.सम्मान और उपलब्धियां
यूट्यूब द्वारा पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें **मुख्य अतिथि** के रूप में आमंत्रित किया गया और सम्मानित किया गया. इसके अलावा, यूट्यूब ने उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए कई बार ऑफर भी दिए.परिवार का गर्व
सिंटू के इस सफर से उनके माता-पिता बेहद खुश हैं. उनके पिता, जो रेलवे कर्मचारी हैं, अपने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस करते हैं. रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक सहित कई उच्च अधिकारियों ने भी सिंटू की कला की प्रशंसा की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है