बिहार के चुनावी दौरे के बीच शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर औद्योगिक क्षेत्र पहुंच रहे हैं. मुख्य लक्ष्य पश्चिम बंगाल का 2026 का विधानसभा चुनाव. क्या पीएम दुर्गापुर से ही पश्चिम बंगाल में भाजपा के चुनावी लक्ष्य की रेखा खींचने आ रहे हैं? वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ा था. भाजपा ने 18 लोकसभा सीटों पर पहली बार इतने बड़े लक्ष्य से जीत दर्ज की थी. दिलीप घोष के अध्यक्ष पद से हटने के बाद वर्ष 2024 में भाजपा ने जिले के आसनसोल और बर्दवान दुर्गापुर लोकसभा सीटें अपनी खो दी. यहां तक कि पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष को भी हार झेलनी पड़ी. आसनसोल से भी एसएस अहलूवालिया हार गये थे.
इधर, दुर्गापुर में बंद पड़े केंद्रीय कल-कारखानों को खोलने के लिए प्रधानमंत्री कोई ऐलान करते हैं या नहीं, इस पर सबकी निगाहें होंगी. अब तक दुर्गापुर में बंद पड़े कल-कारखाने लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनते आये हैं, पर इस बार खुद प्रधानमंत्री अपने मुंह से इस विषय को लेकर कुछ कहेंगे, ऐसी उम्मीद दुर्गापुर के लोगों को है. यहां लोग कहते हैं, मोदी है तो मुमकिन है. असल में मोदी जी दुर्गापुर के केंद्रीय कल-कारखानों को लेकर क्या कहेंगे या चुनावी जनसभाओं की तरह यह सभा भी केवल हिंदू-मुस्लिम की राजनीति तक ही सीमित रह जायेगी. विकास की भी बात होगी या तृणमूल को बस कोसा जायेगा. रोजगार की बात होगी या केवल कोरा आश्वासन ही रहेगा? ये सारे सवाल दुर्गापुर के लोगों में हैं. इस बार दुर्गापुर के लोग ही नहीं, बल्कि समूचे दक्षिण बंगाल की जनता प्रधानमंत्री के कुछ नया सुनना व जानना चाहती है. प्रधानमंत्री के दुर्गापुर दौरे से 21 जुलाई को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कोलकाता में शहीद दिवस सभा पर असर पड़ेगा या नहीं, यह भी बड़ा सवाल है? पश्चिम बर्दवान जिले में हिंदीभाषियों का वोट काफी मायने रखता है. इस वोट में सेंधमारी करने के लिए प्रधानमंत्री को कुछ ठोस करना होगा तभी ये वोट उनके पक्ष में होंगे?
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