‘आसनसोल नगर निगम में है भ्रष्टाचार, बताने के लिए विपक्ष नहीं, तृणमूल के पार्षद ही हैं काफी’

आसनसोल नगर निगम के खिलाफ भाजपा ने लगाये गंभीर आरोप, कसा तंज भी

By GANESH MAHTO | June 9, 2025 11:53 PM
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निगम में पारदर्शिता लाने के लिए म्युनिसिपल अकाउंट्स कमेटी बनाने का है प्रावधान, कमेटी का चेयरमैन होगा विपक्ष का आसनसोल. आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर तथा भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने कहा कि लोकसभा, विधानसभा की तर्ज पर निगम निगम में भी स्टैंडिंग कमेटी का प्रावधान है, जिसमें विपक्ष के भी नेता व पार्षद को शामिल करना होता है, ताकि हर विकास कार्य में पारदर्शिता बनी रहे. किसी एक के हिसाब से काम होगा तो उसमें घोटाला की संभावना बनी रहती है. नगर निगम में म्युनिसिपल अकाउंट्स कमेटी गठन का भी प्रावधान है. जिस कमेटी का चेयरमैन विपक्ष का नेता होता है. इससे भष्टाचार पर नियंत्रण होता है. 20 से अधिक बार भाजपा की ओर से निगम आयुक्त को पत्र दिया गया, लेकिन इसका गठन नहीं हुआ. जिसके कारण भ्रष्टाचार बढ़ रही है, यह बताने के लिए विरोधियों की जरूरत नहीं है. तृणमूल के अपने ही नेता और पार्षद ही खुलकर बता रहे हैं. 25 फरवरी 2022 को मेयर और पार्षदों के शपथ ग्रहण के साढ़े तीन वर्ष बाद भी नगर निगम में विकास कार्यों को अंजाम देने में पूरी तरह असमर्थ है. सोमवार को भाजपा जिला कर्यालय में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री तिवारी ने ये बातें कहीं. मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष देबतनु भट्टाचार्य उपस्थित थे. श्री तिवारी ने कहा कि भाजपा गणतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करती है. नगर निगम के 106 पार्षदों में सात भाजपा के हैं. भाजपा के पार्षदों आज तक नगर निगम के कार्यालय में उनके बैठने के लिए कोई एक स्थान नहीं दिया गया और ना ही किसी पार्षद के बैठने के लिए कोई निर्धारित जगह है. स्टैंडिंग कमेटी का गठन करके सभी 106 वार्ड के पार्षदों को विभिन्न स्टैंडिंग कमेटी में स्थान मिलना चाहिए, जिससे नगर निगम के कार्य शैली के पारदर्शिता बनेगी. अगर निगम अकाउंट्स कॉपी को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाता तो भाजपा हाई कोर्ट जाने के लिए मजबूत होगी. इसके साथ ही निगम प्रशासन अतिक्रमण को लेकर भी कार्रवाई करने में पूरी तरह से व्यर्थ हुई है. वर्ष 2023 में तकरीबन 11 औद्योगिक संस्थानों को अवैध अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन आज तक उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. यदि कोई कार्रवाई हुई है या किसी प्रकार के भी कानूनी पहल की गई हो तो निगम प्रशासन उसे लेकर स्वेत पत्र जारी करे. सभी को यह जानकारी दें कि अतिक्रमण को लेकर प्रशासन कितना सक्रिय है. अतिक्रमण लेकर किसी भी प्रकार के कार्रवाई करने में निगम असमर्थ है. उन्होंने कहा कि मांग दो महीने के लिए नगर निगम में निर्णय लेने का अधिकार भाजपा जिला कमेटी को दे, जो जिस पद पर हैं बने रहे, भाजपा आसनसोल से अतिक्रमण हटाकर दिखा देगी. उनके कार्यकाल में कोलकाता से निर्णय लिया गया था कि आसनसोल नगर निगम में चीफ इंजीनियर की नियुक्ति कोलकाता से होगी लेकिन उन्होंने इसका विरोध किया था. वर्तमान मेयर के कार्यकाल में कोलकाता से चीफ इंजीनियर की नियुक्ति की गई है तो मेयर विधान उपाध्याय अपनी खुशी जाहिर करते हैं कि बिना पैसे के उन्हें इंजीनियर मिला. आसनसोल को विकास कार्यों से वंचित किया जा रहा है, यह उसका नतीजा है. आसनसोल निगम का अपना खुद का चीफ इंजीनियर नहीं है. आसनसोल नगर निगम आसनसोल पंचायत में परिणत होने जा रहा है.

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